भाषाई विश्वयुद्ध

भाषाई विश्वयुद्ध

आने वाले समय में अगला विश्वयुद्ध भाषायी युद्ध होगा. सबसे बड़ी संख्या में हिन्दी भाषा के में ही साहित्यिक साहित्यकार सेनिक है जिन्हें अपनी कलम को विश्व युद्ध में काम लेना है इसलिए अभी से अपनी कलम को माज लो और धार दो, जंग लगी कलम नहीं चलेगी, आधुनिक युग की समस्याओं के परिपूर्ण हो. साहित्य में उथल पुथल होगा, साहित्य में तूफान भी आएगा अपनी भाषा को इस तूफान में अन्तर्राष्ट्रीय महत्व देना है. तृतीय विश्व युद्ध की भाषा हिन्दी हो.

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