दामन : दिए का

🌹दामन : दिए का🌹

एक लौ समर्पित है उस दिए को
जिसने अपने दामन में थामा है।
बड़ा ही धैर्यवान है वह दिया
जिसने इसे सम्भाला है।

देकर अपना आश्रय उस लौ को,
जी भर जलने का स्थान दिया।
अपने आश्रय में महफूज़ रहेगी
लौ को यह एक आश्वासन दिया।

कहा उस दिए ने खूबसूरती से
लौ तुम मेरी हृदय-प्रिये हो।
तुम बिन मैं एक माटी का आकार हूँ
तुम नहीं तो कौन कहेगा मुझे दिया।

तू लौ बन जल जाना चाहती है
जल जाना जब तक इच्छा होगी।
मैं अपने दामन का स्थान दूँगा
जब तक तेरी अंतिम स्वास रहेगी।

गीतिका पटेल “गीत”
कोरबा, छत्तीसगढ़
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