प्रधान व सचिव की मिलीभगत से सोलर व स्ट्रीट लाइट चढ़ी भ्रष्टाचार की भेंट
प्रधान व सचिव की मिलीभगत से सोलर व स्ट्रीट लाइट चढ़ी भ्रष्टाचार की भेंट
ग्राम पंचायतों में स्ट्रीट और सोलर लाइटों का हुआ लाखों का खेल फिर भी जिम्मेदार उच्चाधिकारी रहे मौन।
ब्यूरो रिपोर्ट/पनवाड़ी/ महोबा-
करोड़ों का हुआ घोटाला विकासखंड पनवाड़ी क्षेत्र के अंतर्गत अगर इसकी सही से जांच की जाए तो सामने आएगा कुछ अलग ही नजारा देखने वाली यह बात होगी किसकी जांच होती है या कचरे के डिब्बे में ऐसे ही डाल दिया जाता है। ग्राम पंचायत पनवाड़ी एवं खैरो कला, बुडेरा, दादरी, भरवारा, महुआ , मसूदपुरा, पिपरी, नैकपुरा, अमानपुरा, तैईया, महोबकंठ एवं लगभग सभी ग्राम पंचायतों में सोलर व स्ट्रीट लाइट चौधवें वित्त के तहत लगाई गई थी।ग्राम वासियों का कहना है कि यह लाइट लगने के बाद कुछ ही दिनों में बंद हो गई बुडेरा गांव में लगभग 15-सौर ऊर्जा लाइटें व 30 स्ट्रीट लाइट 14वें वित्त योजना से ग्राम प्रधान द्वारा लगवाई गई थी जिसमें सोलर लाइट प्रति 24000 रुपये व स्ट्रीट लाइट प्रति 6000 के अनुसार लगवाई गई जिनकी वास्तविक कीमत सोलर लाइट की 12000 रुपये व स्ट्रीट लाइट की ₹800 सौ लेकर 1500 सौ रुपए लगभग होती है यह लाइट लगवाने में ग्राम प्रधान व ग्राम पंचायत अधिकारी द्वारा मिलीभगत कर योजना की धनराशि का बंदरबांट किया गया है जिसमें आधे से भी अधिक कमीशन खाया गया है इसी कारण गांव में यह लाइटें बंद पड़ी है । भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना के तहत ग्राम पंचायतों को 14वें वित्त योजना के तहत धन आवंटित किया गया था जिसमें मुख्य रूप से गांव में प्रकाश की व्यवस्था की जाए ,पानी की निकासी की जाए साफ सफाई की जाए लेकिन धन के लालच में ग्राम पंचायत अधिकारी व प्रधान द्वारा अपनी ग्राम पंचायतों का आधे से भी अधिक धन गुणवत्ता विहीन लाइटों को खरीदकर बराबर किया गया है और कमीशन की मोटी रकम को अपनी जेबों में भर लिया गया है जबकि शासनादेश के अनुसार नेडा विभाग की ही लाइट लगना थी । लेकिन इस को दरकिनार कर फर्जी कंपनियों की लाइट आपूर्ति कर लगाई गई हैं जो चंद दिनों में ही बंद हो गई गांव के निवासी रसकलाल का कहना है कि मेरे दरवाजे पर स्ट्रीट लाइट लगी और लगते ही अगले दिन में ही बंद हो गई। ग्रामवासी आदि शासन प्रशासन से अपील करते हैं कि ऐसे भ्रष्ट कर्मचारियों पर सख्त कार्यवाही की जाए और गांव में प्रकाश व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए लाइटों का दुरुस्ती करण कराकर ठीक करवाया जाए।
“महोबा से विजय साहू की विशेष रिपोर्ट”
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