उत्तर प्रदेश में साहित्यकारों खिलाड़ियों व कलाकारों के लिए निष्क्रिय सरकार निष्क्रिय अफसर व दोगली मीडिया ग्रहण की तरह सावित हो रही-विभिन्न अमूल्य कलाएँ निरंतर होतीं जा रहीं विलुप्त

उत्तर प्रदेश में साहित्यकारों खिलाड़ियों व कलाकारों के लिए निष्क्रिय सरकार निष्क्रिय अफसर व दोगली मीडिया ग्रहण की तरह सावित हो रही-विभिन्न अमूल्य कलाएँ निरंतर होतीं जा रहीं विलुप्त

लक्ष्मी कान्त सोनी
उत्तर प्रदेश/हमारे देश के साहित्यकारों, कलाकारों,खिलाड़ियों की दीन दशा अब किसी से छुपी नहीं रही ।
आज हमारे देश के कलाकार साहित्यकार खिलाड़ी भरपूर महनत कर रहे हैं ताकि विलिलुप्त होतीं कलाएँ जीवित रह सकें किन्तु सरकार व जिम्मेदार अफसरों व दोगली मीडिया की निष्क्रियता के चलते आज विभिन्न कलाएँ विलुप्त होने की कगार पर हैं।
न तो इन कलाकारों साहित्यकारों खिलाड़ियों को सरकार से कोई मदद मिल रही है न ही जिम्मेदार अफसरों से न ही जिम्मेदार मीडिया से ही इनको मदद मिल रही है जिसके चलते देश की विभिन्न कलाएँ निरंतर विलुप्त होतीं जा रहीं है ।
ऐसा ही नजारा देखने को मिलता है उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में जिम्मेदार अफसरों जिम्मेदार सरकार व जिम्मेदार मीडिया की अनदेखी के चलते कलाकारों साहित्यकारों व खिलाड़ियों का मनोबल निरंतर टूटता जा रहा है ।इन्हें इस निष्क्रिय सरकार निष्क्रिय मीडिया व निष्क्रिय अफसरों की कोई मदद नहीं मिल रही है।
सरकार व जिम्मेदार अफसर इस क्षेत्र की ओर जरा भी ध्यान नहीं दे रहे हैं तो वही मीडिया भ्रष्टाचारियों के गुणगान में लगी हुई है कुछ गिने चुने मीडिया संस्थान ही थोड़ी बहुत मदद करते हैं बांकी तो इन साहित्यकारों कलाकारों खिलाड़ियों को अपनी मीडिया रिपोर्टों में स्थान ही नहीं देते इतना ही नहीं क्षेत्र में फैले काले कारोबारों की खबरें न प्रकाशित करने के एवज में कुछ बिकाऊ मीडिया सुविधा शुल्क भी लेते हैं जिसके चलते क्षेत्र में तमाम तरह के काले कारोबार भ्रष्ट अफसरों निष्क्रिय मीडिया व अफसरों की कृपा दृष्टि के चलते लगातार जारी हैं।
तो वहीं कलाकार साहित्यकारों व खिलाड़ियों के लिए इनकी मीडिया रिपोर्टों में कोई स्थान नहीं मिलता जिसके फलस्वरूप बिभिन्न कलाएँ जैसे वांसुरी वादन हारमोनियम वादन ढोलक तबला वादन बैजो वादन मुरचंग वादन लेखन कला व कवियों खिलाड़ियों में आज निरंतर गिरावट देखी जा रही है।
आज खिलाड़ियों कलाकारों व साहित्यकारों को सरकार व जिम्मेदार अफसरों व मीडिया से कोई मदद नहीं मिल रही है जिसके चलते आज बुंदेलखंड के कलाकार उच्च स्तर पर नहीं पहुंच पा रहे हैं उनका मनोबल निरंतर गिरता ही जा रहा है इसके साथ ही विलुप्त हो रहीं हैं अमूल्य महत्वपूर्ण कलाएँ ।
इस तरह भ्रष्ट सरकार व भ्रष्ट अफसर व दोगली मीडिया कलाकारों साहित्यकारों खिलाड़ियों के लिए ग्रहण की तरह सावित हो रही है ।
महोबा हनीरपुर सहित तमाम ऐसे क्षेत्र हैं जहां महत्वपूर्ण कलाएँ निरंतर विलुप्त होतीं जा रहीं हैं।

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