वित्त वर्ष 2020-21 के अस्थायी निवल अप्रत्यक्ष कर संग्रह (जीएसटी तथा गैर-जीएसटी) में वित्त वर्ष 2019-20 की वास्तविक राजस्व प्राप्ति की तुलना में 12 प्रतिशत की वृद्धि

वित्त वर्ष 2020-21 के अस्थायी निवल अप्रत्यक्ष कर संग्रह (जीएसटी तथा गैर-जीएसटी) में वित्त वर्ष 2019-20 की वास्तविक राजस्व प्राप्ति की तुलना में 12 प्रतिशत की वृद्धि

वास्तविक अप्रत्यक्ष कर संग्रह में वित्त वर्ष 2020-21 के लिए9.89 लाख करोड़ रुपए के अप्रत्यक्ष कर के संशोधित अनुमान का 108.2 प्रतिशत हासिल

वित्त वर्ष 2020-21 के लिए अप्रत्यक्ष कर संग्रह (जीएसटी तथा गैर-जीएसटी) के लिए अनंतिम आंकड़े दिखाते हैं कि वास्तविक राजस्व संग्रह वित्त वर्ष 2019-20 के 9.54 लाख करोड़ रुपए की तुलना में 10.71 लाख करोड़ रुपए का हुआ। यह संग्रह 12.3 प्रतिशत की वृद्धि दिखाता है। वित्त वर्ष 2020-21 के लिए निवल अप्रत्यक्ष कर संग्रह दिखाता है कि वित्त वर्ष 2020-21 के लिए अप्रत्यक्ष करों के संशोधित अनुमान का 108.2 प्रतिशत हासिल कर लिया गया है।

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सीमा शुल्क के संबंध में वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान सीमा शुल्क में कुल 1.32 लाख करोड़ रुपए की कर वसूली हुई। पिछले वित्त वर्ष के दौरान 1.09 लाख करोड़ रुपए की वसूली हुई थी। इस तरह सीमा शुल्क वसूली में 21 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।

वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान केंद्रीय उत्पाद तथा सेवा कर (बकाये) मद में 3.91 लाख करोड़ रुपए का निवल कर संग्रह हुआ। पिछले वित्त वर्ष में यह संग्रह 2.45 लाख करोड़ रुपए का था। इस तरह इसमें 59 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई।

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वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान केन्द्र के जीएसटी (सीजीएसटी+आईजीएसटी+क्षतिपूर्ति शेष) मद में कुल कर संग्रह 5.48 लाख करोड़ रुपए का हुआ जो पिछले वित्त वर्ष में 5.99 लाख रुपया था। वित्त वर्ष 2020-21 में सीजीएसटी तथा क्षतिपूर्ति शेष सहित वास्वकि जीएसटी संग्रह का संशोधित अनुमान 5.15 लाख करोड़ रुपए था। इस तरह वास्तविक निवल जीएसटी संग्रह कुल लक्षित संग्रह का 106 प्रतिशत है। यद्यपि यह पिछले वित्त वर्ष के संग्रह से 8 प्रतिशत कम है। कोविड के कारण वित्त वर्ष की पहली छमाही में जीएसटी संग्रह प्रतिकूल रूप से प्रभावित हुआ लेकिन दूसरी छमाही में जीएसटी संग्रह में वृद्धि दर्ज की गई और पिछले छह महीने में प्रति माह संग्रह एक लाख करोड़ रुपए को पार कर गया। जनवरी तथा फरवरी महीने में अच्छे संग्रह के बाद मार्च में जीएसटी का सबसे अधिक संग्रह 1.24 लाख करोड़ रुपए हुआ। केन्द्र सरकार द्वारा उठाए गए अनेक कदमों से जीएसटी परिपालन में सुधार लाने में मदद मिली।

उपरोक्त आंकड़े अस्थायी हैं और यह समाधान के बाद बदल सकते हैं।

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