मैं आज दुआएँ देता हूँ। मैं शोक हवाएँ लेता हूँ।।

वातायमा छंद(मापनी युक्त मात्रिक)
16 मात्रा
मापनी-
221 12 22 2 2
1-
मैं आज दुआएँ देता हूँ।
मैं शोक हवाएँ लेता हूँ।।
मैं राम दवाएँ खाता हूँ।
मैं पाप सजाएँ पाता हूँ।।
2-
तू भोजन जो ऐ लाता है।
वो शोक सदा ही छाता है।।
ऐ भोजन जो जो खाता है।
वो रोग सदा ही पाता है।।
3-
जो पाप गली में जाते हैं।
जो जीव यहाँ पै खाते हैं।।
वो शूल गली में बोते हैं।
वो भूल गली में खोते हैं।।
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प्रभुपग धूल
लक्ष्मी कान्त सोनी
महोबा
उत्तर प्रदेश

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