सेवा जो करते मालिक की, वे मालिक बन जाते हैं।
ताटंक छंद पर
आधारित गीत
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सेवा जो करते मालिक की,
वे मालिक बन जाते हैं।
आज्ञा जो मानें ईश्वर की,
वे ईश्वर तन पाते हैं।।
1-
सेवा करते देखा सेवक को,
अचरच से भर जाता हूँ।
नौकर की वो करें गुलामी,
देख दृश्य हरसाता हूँ।।
मालिक से बढ़ के हैं सेवक,
गहरा राज बताते हैं।
सेवा जो करते—
2-
हाकिम बोले आओ सेवक,
थोड़ा पैर दबाना है।
नौकर बोला लेटो राजन,
हाकिम बातें माना है।।
बोला मालिक पैर पसारो,
हाकिम हुकम बजाते हैं।
सेवा जो करते—-
3-
नौकर बोला बैठो उठकर,
राजा के मन भाता है।
बोले राजा शीश झुकाओ,
हाकिम शीश झुकाता है।।
प्रभुपग देखें अजब नजारा,
सब को आज लखाते हैं।
सेवा जो करते—-
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प्रभु पग धूल
लक्ष्मी कान्त सोनी
महोबा
उत्तर प्रदेश