चूड़ी धारी निर्लज्ज भ्रष्ट अफसरों व चूड़ी धारी भारतीय कानून की निष्क्रियता के चलते 40 वर्ष से अधिक बीतने के वावजूद भी रहँक गांव का त्रिकल हत्या कांड आज भी रहस्यमय अनबूझी पहेली बना -परिवार में कोई नहीं बचा न्याय मांगने वाला -हत्यारों ने परिवार का कर दिया था समूल विनाश
40 साल बाद–बड़ी खबर
चूड़ी धारी निर्लज्ज भ्रष्ट अफसरों व चूड़ी धारी भारतीय कानून की निष्क्रियता के चलते 40 वर्ष से अधिक बीतने के वावजूद भी रहँक गांव का त्रिकल हत्या कांड आज भी रहस्यमय अनबूझी पहेली बना -परिवार में कोई नहीं बचा न्याय मांगने वाला -हत्यारों ने परिवार का कर दिया था समूल विनाश
रहँक/हमीरपुर/यकीन नहीं होता हमारे देश का कानून इतना कमजोर हो सकता है की त्रिकल हत्या कांड को हुए चालीस वर्ष से अधिक का समय बीतने के वावजूद भी हत्या कांड का आज तक खुलाशा नहीं हो सका जो कानून के हाथ वौने सावित कर रहा है आज कानून अपराधियों की रखैल बन चुका है पूरे परिवार की हत्या हुए चालीस वर्ष बीत गए पर चूड़ी धारी हिन्दुतान के भ्रष्ट अफसर इस बड़े हत्या कांड को खोलना तो दूर पूरे मामले को ही हजम कर गए ।
एक बेवश परिवार को अज्ञात दबंग हत्यारों ने भ्रष्ट अफसरों से सांठ गांठ कर धन के लालच में समूल नष्ट कर दिया जिस परिवार में आज कोई भी नहीं बचा जो इस हत्या कांड के खुलाशे के लिए आवाज उठा सके निर्लज्ज चूड़ी धारी भ्रष्ट अफसर आज चालीस वर्ष बीतने के वावजूद भी आज तक हाथों में चूड़ी पहने हुए हैं इस लंबी अवधि में न जाने कितनी सरकारें बनी व कई अफसर इधर से उधर हुए किन्तु आज तक किसी ने इस दर्दनाक हत्या कांड पर प्रकाश डालने की हिम्मत नहीं की जिसके फल स्वरूप चालीस वर्ष बीतने के वावजूद भी हिंदुस्तान का चूड़ी धारी कानून निर्लज्ज व बेशर्म बना हुआ है चालीस वर्ष से अधिक गुजरने के वावजूद भी त्रिकल हत्या कांड एक अनबूझी पहेली बना हुआ है परिवार का धन मकान व अन्य संम्पत्ति भी भ्रष्ट अफसरों व हत्यारों के द्वारा हजम कर ली गयी किन्तु आज तक चूड़ी धारी भ्रष्ट अफसर इस गंभीर दर्दनाक त्रिकल हत्या कांड का खुलासा नहीं कर सके जो भारतीय कानून के वौने सावित करने के लिए काफी हैं।
घटना क्रम में आपको बता दें की उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जनपद के रहँक गांव में एक सीधा साधा सोनी परिवार रहता था जिसमें पिता मृतक प्रेम चंद्र सोनी उर्फ लल्ला सोनी व उसका पुत्र रामबाबू उर्फ बब्बू सोनी व प्रेम चंद्र की पत्नी निवास करते थे ।
जो एक सम्पन्न परिवार था और भ्रष्टाचारियों की गिद्ध दृष्टि इनके परिवार पर जमी हुई थी इन भ्रष्टाचारियों ने धन के लालच में आज से चालीस वर्ष पूर्व डकैतों से मिलकर परिवार के तीनों सदस्य पिता इकलौते पुत्र व माँ की तेजाब पिला पिला कर दर्दनाक हत्या करदी व घर की सारी संपत्ति लूट ले गए जिसका वन्दर वांट भ्रष्ट अफसरों व डकैतों ने मिलकर कर लिया ।
भ्रष्ट चूड़ी धारी निर्लज्ज हत्यारे अफसरों ने इस केस को इस तरह हजम किया की आज 40 वर्ष बीतने के वावजूद भी इस त्रिकल हत्या कांड की कहानी आज अनवूझी पहेली बनी हुई है जिसकी आबाज सुनने वाला कोई नहीं है ।
आज 40 वर्ष बीतने के वावजूद भी निर्लज्ज चूड़ी धारी अफसर व आज तक की सरकारें व चूड़ी धारी भारतीय कानून इस त्रिकल हत्या कांड की खाक नहीं छान सका जो कानून की निष्क्रियता का सबसे बड़ा प्रमाण बन कर आज आम जन के सामने उभरकर सामने है पर चूड़ी धारी भारतीय कानून आज भी चुप्पी साधे हुए है ।आज भारतीय कानून से जनता का विश्वास उठ चुका है ।
अब तो इस हत्या कांड की चर्चाएं तक वंद हो चुकीं हैं पर चूड़ी धारी कानून की निर्लज्जता आज भी वरकरार है।
हत्यारों ने वेजवान कुतिया को भी मार डाला था।