हाइकु

🥀हाइकु🥀
💥🌼💥🌼
1-
बसंती छटा।
अब सुंदर सजी,
ऐ काली घटा।।
मोर नाचे हैं।
बहती पवन में,
श्याम नाचे हैं।।
2-
कोयल बोली।
मधुरम लगी है,
राधिका डोली।।
मुरली बजी।
तनमन बसी है,
सूरत सजी।।
3-
मग में खड़ी।
अति व्याकुल सखी,
प्रिय से लड़ी।।
बेसुध खड़ी।
यादें मनमें भरे,
दुख में बड़ी।।
💥🌼💥🌼
🥀प्रभुपग धूल🥀
लक्ष्मी कान्त सोनी
महोबा
उत्तर प्रदेश

 

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