गुरुवर भोले नाथ हैं, रहते निसदिन पास।

दोहे-
माता मेरी शारदा,
दीजे अद्भुद ज्ञान।
चमकें सूरज चाँद से,
लेवें अचरज मान।।
💐👏
सृजन शब्द-गुरु
1-
गुरुवर भोले नाथ हैं,
रहते निसदिन पास।
बोलो वं वं साथ में,
बनके रहना दास।।
2-
देखो मेरी ओर भी,
सुनलो भोले नाथ।
गुरुवर उरमें ज्ञान भर,
पकड़ो मेरा हाथ।।
3-
गुरुवर शिव को मानते,
उनका ही उर ज्ञान।
राघव को मन धारते,
करते हरि का ध्यान।।
4-
माला काले नाग की,
पहनी हर ने देख।
सिर पर गंगा धार हैं,
गुरु पद पंकज लेख।।
5-
माफी हमको दीजिए,
भोले शंकर आन।
अवगुण गुरु हर लीजिए,
सोहे जगमें शान।
💥🌼💥🌼💥💥🌼
🥀प्रभुपग धूल🥀
लक्ष्मी कान्त सोनी
महोबा
उत्तर प्रदेश

 

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