उड़ें रंग न्यारे नशे हैं गुलाबी। सभी रंग लेके करे हैं जबाबी।।

🥀बह्र पर
आधारित गीत🥀
(122 122 122 122)
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उड़ें रंग न्यारे नशे हैं गुलाबी।
सभी रंग लेके करे हैं जबाबी।।
सजे रंग सातों बड़े ही सुहाने।
तजो रंग काले भरे हैं खराबी।।
1-
ढले रंग जीवन चढ़े तन सफेदी।
चढ़े रंग गहरा उड़े तन सफेदी।।
घने रंग जीवन बड़े हैं निराले।
खड़े पीठ पीछे लड़े हैं जबाबी।।
उड़ें रंग न्यारे—
2-
रहे जीभ मुख में गुलाबी सजी है।
कहे बोल मीठे सुहानी लगी है।।
तजो बोल कड़वे बड़े हैं दुखारे।
बुरे बोल तीखे खले हैं जबाबी।।
उड़ें रंग न्यारे—–
3-
घने बाल काले उगे शीश ऊपर।
बड़ा पाप भारी सुनो आज भूपर।।
अरे मूर्ख चेतो चढ़ा काल सिर पै,
करें पाप दानव छले हैं जबाबी।।
उड़ें रंग प्यारे—
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🥀प्रभु पग धूल🥀
लक्ष्मी कान्त सोनी
महोबा
उत्तर प्रदेश

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