फूटी है किस्मत हमारी, टपकें आँखन सें पानी
🥀गीत🥀
(15-14)
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फूटी है किस्मत हमारी,
टपकें आँखन सें पानी।
गौरा की चिंता सताती,
गाथा बाबा की जानी।।
1-
काला नाग गले पड़ा है,
चाँद शीश पर छाता है।
शम्भु गज तन छाला धारें,
भीषण रूप लखाता है।।
जानी जो होती कहानी,
ऐसे बनते मत दानी।
फूटी है—-
2-
तनमें शीश पांच सजे हैं,
आग शम्भु बरसाते हैं।
गंगा नार शीश बसीं हैं,
क्यों शादी रचवाते हैं।।
गौरा की देखें जवानी,
ठाड़ीं रोतीं महारानी।
फूटी है—
3-
भूत चुड़ैल अंग भंग हैं,
तनमें केवल ढांचे हैं।
बैल सवार शम्भु स्वयं हैं,
मैंने खुद ही जांचे हैं।
फूटी है—-
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🥀प्रभु पग धूल🥀
लक्ष्मी कान्त सोनी
महोबा
उत्तर प्रदेश