ओडिशा के वनों में आग लगने की घटनाओं से प्रभावी ढंग से निपटने हेतु राज्य सरकार की सहायता के लिए केंद्र सरकार ने विशेषज्ञ भेजे
ओडिशा के वनों में आग लगने की घटनाओं से प्रभावी ढंग से निपटने हेतु राज्य सरकार की सहायता के लिए केंद्र सरकार ने विशेषज्ञ भेजे
सरकार स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रही है
पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय मंत्री श्री प्रकाश जावडेकर ने आज ओडिशा के वनों में आग लगने की अप्रत्याशित घटनाओं से प्रभावी ढंग से निपटने हेतु राज्य सरकार की सहायता के लिए केंद्र सरकार ने तीन विशेषज्ञों का एक दल भेजने का निर्णय किया है।
एक ट्वीट में श्री जावडेकर ने आज यह जानकारी देते हुए कहा है कि यह दल जल्दी ही ओडिशा जाएगा और वनों में लगी आग को शीघ्रातिशीघ्र पूरी तरह से शांत करने के लिए उपयुक्त परामर्श देने के साथ ही आवश्यक सहायता भी देगा।
केन्द्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री के निर्देशों के बाद मंत्रालय ने तीन सदस्यों के एक दल का गठन किया है जिसके सदस्य इस प्रकार हैं:
1.डॉ. अमित मलिक, आईजीएफ, राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण नई ,दिल्ली।
2.श्री सुब्रत महापात्रा, डीडीजी , पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, क्षेत्रीय कार्यालय, भुवनेश्वर।
3. सुश्री आरती चौधरी, प्रमुख, वनसंवर्धन, आईसीएफआरई ( अग्नि विशेषज्ञ के रूप में )
इस दल का शुरूआती कार्य इस प्रकार होगा:
।. ओडिशा, विशेषकर सिमलीपाल बाघ क्षेत्र/जैवमंडल में आग लगने की घटनाओं की स्थिति का मूल्यांकन।
।।.वन क्षेत्रों में आग लगने की घटनाओं को रोकने और उन पर नियन्त्रण करने के लिए राज्य सरकार को तकनीकी एवं विशेषज्ञ परामर्श देना।
।।।. वनों एवं वन्यपशुओं को हुए नुकसान की स्थिति और उसका अवैध शिकार से किसी भी प्रकार का सम्बन्ध।
यह दल राज्य के वनों में आग लगने की घटनाओं रुक जाने और स्थिति सामान्य होने तक वहीं रुकेगा। इसके अलावा केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि वे पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के दल के साथ साथ वे भी प्रतिदिन राज्य के वनों में आग दिखाने वाले मानचित्र पर नजर रखेंगे। साथ ही वे अलग से सिमलीपाल बाघ क्षेत्र/जैवमंडल के मानचित्र में जारी आग के मानचित्र की भी निगरानी करते रहेंगे।