दोहे महिमा
भोले भोले भक्त हैं,
भोले हैं भगवान।
भोलेपन से कीजिए ,
भोले का नित ध्यान।
द्वारे दीनानाथ के,
ठाढ़े दीनानाथ।
जो मोरी पतवार है,
नाथ आपके हाथ
सदा शिवा के संग शिव,
शिवा शंभु के संग।
नवल युगल छवि राजियो,
सदा विनोदी अंग।।
आदरणीय –
श्री विनोदी सोनी जी