माता दिलमें सोच सचारो, कन्या को मत मारो।
🥀सार छंद🥀
विषय-नारी
1-
माता दिलमें सोच सचारो,
कन्या को मत मारो।
नारी को जग जान जान लो,
बेबस नहीं विचारो।।
नहीं दोष बेटी का माता,
लाली गोदी धारो।
चाह नहीं हीरा मोती की,
कारण कौन सिहारो।।
2-
नारी रूप सृष्टि है सारी,
ताकत जग की भारी।
तू ही काली दुर्गा चंडी ,
तू ही है संसारी।।
तू ही दिनकर बनकर चमके,
चाँद चांदनी प्यारी।
तू ही बहती सरिता का जल,
अगन ताप भी नारी।।
3-
मानो मेरी बात निराली,
जीतो हारी पाली।
कुसुम कली है प्यारी लाली,
तुमहो इसके माली।।
सूख रहीं आँगन कीं कलियाँ,
करलो देखा भाली ।
सपना होगी इक दिन नारी,
प्रभुपग दुनियाँ खाली।।
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🥀प्रभु पग धूल🥀
लक्ष्मी कान्त सोनी
महोबा
उत्तर प्रदेश