चामर छंद मुक्तक
🥀चामर छंद मुक्तक🥀
💥🌼💥🌼💥🌼💥🌼💥
(212-121-212-121-212)
💥🌼💥🌼💥🌼💥🌼💥
1-
पाप टाल काल टाल टाल दो बुरी वला।
राम लाल वेग आन आप ही करो भला।।
रोम रोम राम जी रमे लखो यहाँ वहाँ।
तेजमान वेगमान राम बाण है चला।।
2-
रोग दोष राम जी हरो छुड़ा फँसा गला।
भार राम जी बनो सदा उठा झुका पला।।
आसरा मिले हमें करो कृपा सदा सदा।
आप ही महान हो सदा करो बड़ी कला।।
3-
पात भी हिले नहीं निहार चाँद भी ढला।
सूर्य तेज क्षीण जान आप ही बुरा भला।।
खोजते यहाँ वहाँ रहें प्रभो जहाँ तहाँ।
आपकी दया मिली विशाल हादसा टला।।
💥🌼💥🌼💥🌼💥🌼💥🌼💥
🥀प्रभुपग धूल🥀
लक्ष्मी कान्त सोनी
महोबा
उत्तर प्रदेश