पशुपति की महिमा है भारी, महा देव कहलाते हैं।
ताटंक छंद
आधारित मुक्तक
विषय-शिव महिमा
1-
पशुपति की महिमा है भारी,
महा देव कहलाते हैं।
नील कंठ की लीला न्यारी,
विषधारी मन भाते हैं।।
हा हा कार मची थी जग में,
बिष ज्वाला अति भारी थी।
मिलकर विनय करें जो शिव से,
कष्ट मिटाने आते हैं।।
2-
भोले ने सादा शादी कर,
सबको पाठ पढ़ाया है।
तज दहेज की बुरी बला को,
सच्चा ज्ञान बताया है।।
नाग गले में धार शम्भु ने,
माया काल बताई है।
मोह नदी को मन से त्यागो,
प्यारा मार्ग लखाया है।।
3-
कैलासी को नहीं भुलाना,
सारे जग से न्यारे हैं।
भूत नाथ को हृदय बसाना,
शिव ही सबसे प्यारे हैं।।
शम्भु शक्ति सारे जग की हैं,
सबके पालन हारी हैं।
सोम नाथ को शीश झुकाएं,
पापी शिव ने तारे हैं।।
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🥀प्रभुपग धूल🥀
लक्ष्मी कान्त सोनी
महोबा
उत्तर प्रदेश