सामयिक परिवेश पत्रिका के झारखण्ड इकाई पर हुआ ऑन लाइन कवि सम्मेलन

*सामयिक परिवेश पत्रिका के झारखण्ड इकाई पर हुआ ऑन लाइन कवि सम्मेलन :*

*संवाददाता/छपरा / सामयिक परिवेश पत्रिका के झारखण्ड इकाई पर 28 फरवरी को ऑन लाइन कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें देश भर से कवि कवयित्रीयों भाग लिया । मुख्य संपादक व मुख्य अतिथि श्रीमती ममता मेहरोत्रा ,संपादक श्रीसंजीव कुमार मुकेश, सह संपादक व सह संयोजक श्री श्याम कुँवर भारती ,सभा की अध्यक्षता श्री सदानंद कवीश्वर ने और संचालन राज्य प्रभारी व सुप्रसिद्ध कवयित्री श्रीमती विभा तिवारी व सुश्री प्रियंका साव ने संयुक्त रूप से किया , और सरस्वती वंदना सुधांशू श्रीवास्तव ने किया।*

*मोहब्बत के राजकुमार शैलेन्द्र सरगम को प्रथम कवि के रूप में आमंत्रित किया गया और वो”कहते हो तुम की मोहब्बत में क्या रखा है” गजल प्रस्तुत किये , उसके बाद कवयित्री डॉ. गरिमा त्यागी ने “नदीया की बहती धार है माँ”, गुरुग्राम से अंजनी शर्मा ने “दाव पर दाव लगता है यहाँ”, कवयित्री अनुपम सिंह ने भजन “तुम्ही एक गुरुवर” ,कवि रामचंद्र सेठ ने “वसंत आया” और कवि ओम प्रकाश खरे के गजल के बाद पिलखुआ ( कुमार विश्वास जी का गाँव) से कवि अशोक गोयल ने “हम बहुमुखी वसंत को आओ नमन करें प्रस्तुत किए और कार्यक्रम आगे बढ़ता रहा।*

*झाँसी से राजेश तिवारी मक्खन ने ऋतुराज आपका आज अभिनंदन”, राँची से मीनू मीनल ने कविता कवि नारायण पोद्दार ने “जिन्दगी के खेल को नमन”,के बाद मुम्बई से कवयित्री फारुखी नीलोफर ने गजल पढ़ीं , डॉ. मीना कुमारी परिहार ने “सखी रे आयो मधुमास से सबका मन मोह लिया, विशाल कुमार ने कविता व डॉ अशोक पाल ने “कितना दर्द भरा” और कवि व गीतकार डॉ श्याम कुँवर भारती ने होली गीत प्रस्तुत किये।*

*उसके बाद कवियत्री प्रियंका साव ने “प्रेम करना बुरा नहीं होता” के बाद देश की जानीमानी कवयित्री श्रीमती विभा तिवारी ने गजल “कुछ खयाल आये और संवर जाए” से सभी का मन मोह लिया । के बाद वरिष्ठ कवि व सभाध्यक्ष श्री सदानंद कवीश्वर ने “मैं चाँद बना आकुलता हूँ” प्रस्तुत किये । उसके बाद कवि विनय शास्त्री ने “अनोखा जी चले बाजार ” हास्य रचना प्रस्तुत किये ।और अंत मे श्री कवीश्वर जी के भाषण के बाद श्री श्याम कुँवर भारती ( उपसंपादक सामयिक परिवेश पत्रिका) ने धन्यवाद ज्ञापन किया।*

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