गौरी छंद

🥀गौरी छंद🥀
परिचय —-
द्वादशाक्षरावृत्ति
गण विन्यास —- त ज ज य
( 221-121-121-122 )
1-
आओ मन मंदिर में जग माता।
जोड़ो अब माँ हमसे तुम नाता।।
लाओ सुख सागर जो मन भाता।
गौरी तुमको मन फूल चढाता।।
2-
गौरी शिव संग हमें अति भाते।
गाथा उनकी मन से हम गाते।।
प्यारे शिव जी जग में सुख छाते।
भोले विष पी जग को हरसाते।।
🌼💥🌼💥🌼💥🌼💥🌼
🥀प्रभुपग धूल🥀
लक्ष्मी कान्त सोनी
महोबा
उत्तर प्रदेश

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