ऊँचा लहरे तिरंगा, बहती देश में गंगा।
तर्ज-
कितना हसीन चेहरा–
🥀राष्ट्रीय गीत🥀
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ऊँचा लहरे तिरंगा,
बहती देश में गंगा।
बहती देश में गंगा,
भारत का हिमालय प्यार।
तन मेरे समाई माटी,
भारत की सुनो मेरे यार।।
गंगा नीर मिले हरि लोक मिले।
जो खिले कमल तो हृदय खिले।
जब नचें मोर गुल खिलते मनके।
तरें लोग यहाँ गंगा के जलसे।।
मेरा भारत सबसे न्यारा,
मेरे मनका प्यारा प्यारा।
खेतो में फूले जब सरसों।।
देखी खेती पीली हरसों।
ई भूमि में राघव जन्मे हैं,
करते लीला मधुर मनहार।
तन मन में समाई—
वीरों से भरी धरा है ए।
हटते न रण से भारत वीर हैं ए।।
झुकते न कभी रण धीर वतन के।
काल हो सन्मुख पक्के मन के।।
नारी हिन्द कीं लगतीं शेरनी।
झाँसी की देखो रानी।
ज़ख्मी थी रानी रण में,
पर नहि वो हारी मानी।।
वलिदान दिया महरानी,
प्रभुपग झुकते कई बार।
तन मन में —–
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🥀प्रभुपग धूल🥀
लक्ष्मी कान्त सोनी
महोबा
उत्तर प्रदेश