धनौरी गाँव में ‘नमामि गंगे’ योजना के नाम पर भ्रष्टाचार, घटिया निर्माण से लोग बेहाल

धनौरी गाँव में ‘नमामि गंगे’ योजना के नाम पर भ्रष्टाचार, घटिया निर्माण से लोग बेहाल

हमीरपुर, उत्तर प्रदेश:

एक तरफ केंद्र और राज्य सरकारें ‘नमामि गंगे’ जैसी महत्वाकांक्षी योजनाओं के जरिए हर घर तक स्वच्छ जल पहुंचाने का सपना देख रही हैं, तो दूसरी तरफ भ्रष्ट अफसरों और ठेकेदारों की मिलीभगत से यह सपना चकनाचूर होता नजर आ रहा है। ताजा मामला हमीरपुर जिले के धनौरी गाँव का है, जहां इस योजना के तहत बनाई गई पेयजल टंकी और बिछाई गई पाइपलाइनों में घटिया निर्माण का खुला खेल सामने आ रहा है।

घटिया निर्माण से जनता को धोखा

धनौरी गाँव में ‘नमामि गंगे’ योजना के तहत पेयजलापूर्ति के लिए एक पानी की टंकी बनाई गई थी और पूरे गाँव में पाइपलाइन बिछाई गई थी। लेकिन शुरुआत से ही इस निर्माण कार्य में अनियमितताएं साफ झलक रही थीं। लोगों का कहना है कि टंकी के निर्माण में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया, जिससे वह सही दबाव से पानी सप्लाई करने में अक्षम साबित हो रही है।

इतना ही नहीं, पाइपलाइनें भी खराब क्वालिटी की लगाई गई हैं, जिससे आए दिन लीकेज की समस्या हो रही है। कुछ जगहों पर पाइप गलत तरीके से डाली गई हैं, जिससे पानी लोगों के घरों तक पहुंच ही नहीं पा रहा है।

हफ्तों नलों से पानी गायब, जनता त्रस्त

गाँववालों का आरोप है कि टंकी बनकर तैयार हुए महीनों बीत गए, लेकिन नियमित रूप से पानी की सप्लाई कभी शुरू ही नहीं हुई। हफ्तों तक नलों में पानी नहीं आता,। गर्मी के दिनों में स्थिति और भी विकराल हो जाती है, जब पानी के लिए गाँववालों को दूर-दूर तक भटकना पड़ता है।

शिकायतों पर भी नहीं हो रही सुनवाई

गाँव के लोगों ने इस समस्या को लेकर कई बार उच्च अधिकारियों से लेकर मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल तक शिकायत दर्ज करवाई, लेकिन हर बार भ्रष्ट अधिकारियों ने गलत रिपोर्ट लगाकर मामला दबा दिया। गाँववालों का आरोप है कि अफसरों और ठेकेदारों की मिलीभगत से इस योजना में बड़े पैमाने पर धनराशि का बंदरबांट किया गया है।

जाँच की उठ रही माँग

गाँववासियों ने अब इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जाँच की माँग उठाई है। उनका कहना है कि यदि निष्पक्ष और गहन जाँच करवाई जाए तो इस घोटाले की परत-दर-परत सच्चाई सामने आ जाएगी। गाँव के बुजुर्गों से लेकर युवा तक इस भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं और प्रशासन से न्याय की उम्मीद लगाए बैठे हैं।

“हमने सोचा था कि इस योजना से हमारे घरों तक स्वच्छ पानी पहुंचेगा, लेकिन हुआ उल्टा। अब न पानी मिल रहा है, न हमारी सुनवाई हो रही है। अगर जल्द ही इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई तो हम उग्र प्रदर्शन करेंगे,” — गाँव के एक बुजुर्ग ने रोष प्रकट करते हुए कहा।

अब देखना यह है कि सरकार और प्रशासन इस भ्रष्टाचार पर क्या कदम उठाते हैं, या फिर एक और योजना का पैसा भ्रष्टाचार की भेंट चढ़कर रह जाएगा।

 

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