समुद्री शैवाल का उत्पादन

समुद्री शैवाल का उत्पादन

भारत में समुद्री शैवाल(सी वीड) की खेती की काफी संभावना है। केंद्रीय समुद्री मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान/सेन्ट्रल मरीन फिशरीज रिसर्च इंस्टिट्यूट (आईसीएआर-सीएमएफआरआई) की रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में देश में कुल सी वीड उत्पादन 72,385 टन (गीला वजन) था। मुख्य कृषि की जाने वाली प्रजातियाँ कप्पाफ़िकस अल्वारेज़ी और ग्रेसिलेरिया एडुलिस हैं जिसका व्यापक रूप से कैरेजीनन  और अगर उत्पादन के लिए उपयोग किया जाता है। सी वीड का उपयोग खादय, बायोफर्टिलाइजर, फार्मास्यूटिकल्स, सौंदर्य प्रसाधन, पशु आहार और जैव ईंधन में भी किया जाता है।

जून 2020 में, भारत सरकार ने देश में मात्स्यिकी क्षेत्र को उन्नत करने के लिए 20,050 करोड़ रुपए के कुल निवेश के साथ, प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (पीएमएमएसवाई) नामक एक प्रमुख योजना शुरू की। पीएमएमएसवाई के तहत सी वीड कल्टीवेशन को बढ़ावा देना प्राथमिकता वाली गतिविधियों में से एक है। मत्स्यपालन विभाग, भारत सरकार ने 98.97 करोड़ रुपए के केंद्रीय अंशदान के साथ 194.09 करोड़ की लागत वाली सी वीड परियोजनाओं को स्वीकृति दी है, जिसमें पीएमएमएसवाई के तहत विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लाभार्थियों को राफ्ट, मोनोलाइन/ट्यूबनेट की स्थापना, तमिलनाडु में एक मल्टीपर्पस सी वीड पार्क की स्थापना, सी वीड की फार्मिंग पर पूर्व-व्यवहार्यता मूल्यांकन अध्ययन, जागरूकता और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए प्रदान की गई सहायता शामिल है। इसके अतिरिक्त, आईसीएआर- सेन्ट्रल मरीन फिशरीज रिसर्च इंस्टिट्यूट (सीएमएफआरआई) के मंडपम क्षेत्रीय केंद्र को सी वीड विकास के लिए उत्कृष्टता केंद्र के रूप में नामित किया गया है और लक्षद्वीप द्वीप समूह को सी वीड क्लस्टर के रूप में नामित किया गया है।

मत्स्यपालन विभाग, भारत सरकार ने तमिलनाडु, दादरा और नगर हवेली तथा दमन और दीव तथा लक्षद्वीप में सी वीड सीड बैंकों की स्थापना के लिए पीएमएमएसवाई के तहत परियोजनाओं को स्वीकृति दी है। 21 अक्टूबर 2024 को मत्स्यपालन विभाग भारत सरकार  ने भारत में लाइव सी वीड के आयात के लिए दिशानिर्देश भी जारी किए हैं , जिससे उच्च गुणवत्ता वाले सीड के आयात की अनुमति मिल गई है ।

यह जानकारी मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री, श्री जॉर्ज कुरियन ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।

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