बीड़ी श्रमिकों का कल्याण
बीड़ी श्रमिकों का कल्याण
उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, देश में 49.82 लाख पंजीकृत बीड़ी श्रमिक हैं। श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के तहत श्रम कल्याण योजना को देश भर में 18 क्षेत्रों में स्थित श्रम कल्याण संगठनों के माध्यम से लागू किया जाता है, जिसमें बीड़ी श्रमिकों और उनके परिवार के सदस्यों का कल्याण शामिल है।
श्रमिक कल्याण योजना के तीन घटक स्वास्थ्य, छात्रवृत्ति और आवास है। इनका विवरण निम्नानुसार है:-
- 10 अस्पतालों और 279 औषधालयों के माध्यम से स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं। कैंसर, टीबी, हृदय रोग, किडनी प्रत्यारोपण जैसे विशेष उपचारों के लिए व्यय की प्रतिपूर्ति।
- बीड़ी श्रमिकों के बच्चों की कक्षा-I से लेकर कॉलेज/विश्वविद्यालय तक की शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता, कक्षा/पाठ्यक्रम के आधार पर प्रति छात्र प्रति वर्ष 1000/- रुपये से 25,000/- रुपये तक होगी।
- संशोधित एकीकृत आवास योजना (आरआईएचएस) 2016 के अंतर्गत पक्के मकानों के निर्माण के लिए 1,50,000/- रुपये (प्रति लाभार्थी) की सब्सिडी। आरआईएचएस को प्रधानमंत्री आवास योजना के साथ एकीकृत कर दिया गया है।
सरकार बीड़ी श्रमिकों सहित असंगठित श्रमिकों के कल्याण के लिए अन्य विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं भी चलाती है। इनमें (i) आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबीपीएमजेएवाई), (ii) प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेवाई), (iii) प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई), (iv) प्रधान मंत्री श्रम योगी मान-धन (पीएमएसवाईएम), (v) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत वन-नेशन-वन राशन-कार्ड योजना के माध्यम से सार्वजनिक वितरण प्रणाली, (vi) दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना, (vii) प्रधान मंत्री आवास योजना, (viii) महात्मा गांधी बुनकर बीमा योजना, (ix) दीन दयाल अंत्योदय योजना, (x) प्रधान मंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि पीएमस्वनिधि, (xi) प्रधान मंत्री कौशल विकास योजना समेत कई अन्य योजनाएं भी शामिल हैं।
यह जानकारी केंद्रीय श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री सुश्री शोभा करंदलाजे ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।