तालाबों और टैंकों में गहन जलीय कृषि
तालाबों और टैंकों में गहन जलीय कृषि
मत्स्यपालन विभाग, मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय, भारत सरकार, प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) के तहत राज्य में तालाबों और टैंकों में गहन (इंटेंसिव) जलकृषि सहित मात्स्यिकी और जलकृषि के विकास के लिए 559.10 करोड़ रुपए के केंद्रीय अंश के साथ 2398.72 करोड़ रुपए की कुल लागत पर आंध्र प्रदेश सरकार से प्राप्त प्रस्तावों को स्वीकृति दी है। पीएमएमएसवाई के तहत, आंध्र प्रदेश सरकार को तालाबों और टैंकों में गहन जलकृषि के लिए 197 इकाईयों को स्वीकृति दी गई है जैसे (i) मीठे पानी और खारे पानी, दोनों के लिए बायोफ्लोक तालाब कृषि और (ii) 2020-21 से 2024-25 के दौरान 63.97 करोड़ रुपए की लागत से री–सर्कुलेटरी एक्वाकल्चर सिस्टम (आरएएस) ।
मत्स्यपालन विभाग, भारत सरकार ने विगत चार वर्षों और वर्तमान वित्त वर्ष के दौरान आंध्र प्रदेश सरकार को जल कृषि के विकास के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने सहित विभिन्न गतिविधियों के कार्यान्वयन के लिए 559.10 करोड़ रुपए का केंद्रीय अशं आवंटित किया है और राज्य सरकार द्वारा उपयोग किए गए केंद्रीय अशं के आधार पर 2020-21 से 2023-24 के दौरान 482.55 करोड़ रुपए का केंद्रीय अशं जारी किया है। इसके अलावा, आंध्र प्रदेश सरकार ने पीएमएमएसवाई के तहत 2024-25 के दौरान आंध्र प्रदेश सरकार को जारी किए गए 38.00 करोड़ रुपए के मदर सैंक्शन में से 28.10 लाख रुपए का उपयोग किया है।
आंध्र प्रदेश सरकार ने सूचित किया है कि राज्य सरकार अधिसूचित जल क्षेत्रों में स्थित 10 एकड़ तक के क्षेत्र वाले सभी जलकृषि फार्मों को 1.50 रुपए प्रति यूनिट की रियायती दर पर बिजली की आपूर्ति कर रही है और अन्य सभी फार्मों को 3.86 रुपए प्रति यूनिट की दर से बिजली की आपूर्ति की जा रही है। इसके अलावा, आंध्र प्रदेश सरकार ने सूचित किया है कि 2018 से 2025 तक राज्य में 68134 एक्वा सर्विस कनेक्शनों को रियायती दर पर बिजली की आपूर्ति के लिए 4095.17 करोड़ रुपए की सब्सिडी जारी की गई है।
यह जानकारी मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री, श्री जॉर्ज कुरियन ने आज राज्य सभा में एक लिखित उत्तर में दी।