आंध्र प्रदेश में जलवायु अनुकूल तटीय मछुआरा गांव (सीआरसीएफवी)
आंध्र प्रदेश में जलवायु अनुकूल तटीय मछुआरा गांव (सीआरसीएफवी)
मत्स्यपालन विभाग, मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने तटीय समुदायों के विकास के महत्व को समझते हुए, प्रधान मंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) के अंतर्गत एक परिवर्तनकारी पहल की है, जिसका उद्देश्य आंध्र प्रदेश सहित सभी तटीय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में समुद्र तट के करीब स्थित मौजूदा 100 कोस्टल फिशरमन विलेज (सीएफवी) को क्लाइमेट रेसिलिएंट कोस्टल फिशरमन विलेज (सीआरसीएफवी) के रूप में विकसित करना है और उन्हें आर्थिक रूप से सुदृढ़ फिशरमन विलेज बनाना है। पीएमएमएसवाई के अंतर्गत 100% केंद्रीय वित्त पोषण के साथ, 2 करोड़ रु/- प्रति विल्लेज इकाई लागत पर 200 करोड़ रुपए की राशि क्लाईमेट रेसीलिएंट कोस्टल फिशरमन विल्लेजस (सीआरसीएफवी) के विकास के लिए निर्धारित की गई है और काकीनाडा जिले के एक गांव सहित कुल 15 तटीय गांवों को 30 करोड़ रुपए की
कुल लागत पर सीआरसीएफवी के रूप में विकसित करने की मंजूरी दी गई है, जिसके लिए आंध्र प्रदेश सरकार को 7.50 करोड़ रुपए की केंद्रीय निधि की पहली किस्त जारी की गई है। सीआरसीएफवी के रूप में विकास के लिए पहचाने गए गांवों की राज्य/केंद्र शासित प्रदेश-वार सूची अनुबंध-I में दी गई है और आंध्र प्रदेश में पहचाने गए तटीय गांवों का जिलावार विवरण अनुबंध-II में दिया गया है। वर्तमान में पहचाने गए 100 गांवों से आगे सीआरसीएफवी के कवरेज का विस्तार करने का कोई प्रस्ताव नहीं है।
मत्स्यपालन विभाग, मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय, भारत सरकार ने विगत चार वर्षों (2020-21 से 2023-24) और वर्तमान वित्त वर्ष (2024-25) के दौरान काकीनाडा जिले सहित राज्य में मात्स्यिकी और जलीय कृषि के विकास के लिए प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) के अंतर्गत 559.10 करोड़ रुपए के केंद्रीय अंश के साथ 2398.72 करोड़ रुपए की कुल लागत पर आंध्र प्रदेश सरकार के अन्य प्रस्तावों को भी मंजूरी दी है।
मात्स्यिकी और जलीय कृषि के विकास के लिए आंध्र प्रदेश में काकीनाडा जिले सहित फिशरीज़ इन्फ्रास्ट्रक्चर, सतत (सस्टेनेबल) आजीविका के अवसर और जलवायु अनुकूल उपायों सहित कार्यान्वयन के लिए स्वीकृत प्रमुख गतिविधियों में शामिल हैं: हैचरी, ब्रेकिश वॉटर और फ्रेश वॉटर के बायोफ्लोक पॉण्ड, री-सर्क्युलेटरी एक्वा कल्चर सिस्टम (आरएएस), जलाशयों में फिंगरलिंग का भंडारण, ओपेन सी केज कल्चर, जलाशयों में केज, आइस बॉक्स के साथ मोटर साइकिलों की आपूर्ति, इन्सुलेटेड वाहन, फिश रीटेल मार्केट, फिश वैल्यू एडेड एंटरप्राइसेस, लाइव फिश वेंडिंग सेंटर, फिश मारकेट, फिश कियोस्क, आइस बॉक्स के साथ थ्री वीलर, मोबाइल और स्टेशनरी लैब्स, बोट्स और नेट्स, डीप सी फिशिंग वेसेल्स, आइस प्लांट/कोल्ड स्टोरेज, फीड मिल्स, बाइवाल्व कल्चर यूनिट, आर्टिफ़िश्यल रीफ़्स, समुद्री शैवाल (सी वीड) इकाइयां, ई-प्लेटफॉर्म, आजीविका और पोषण सहायता, जैव शौचालय, एकीकृत एक्वापार्क, फिशिंग हारबर और फिश लैंडिंग सेंटर्स का विकास। आंध्र प्रदेश सरकार ने सूचित किया है कि इनमें से कई गतिविधियां जैसे ब्रेकिश वॉटर और फ्रेश वॉटर के बायोफ्लोक पॉण्ड, जलाशयों में फिंगरलिंग्स का भंडारण, ओपेन सी केज कल्चर, आइस बॉक्स के साथ मोटर साइकिल, इन्सुलेटेड वाहन, फिश वैल्यू एडेड एंटरप्राइजेज, लाइव फिश वेंडिंग सेंटर, फिश कियोस्क, आइस बॉक्स के साथ थ्री वीलर, बोट्स और नेट्स, डीप सी फिशिंग वेसेल्स, आइस प्लांट, आजीविका और पोषण सहायता काकीनाडा जिले में कार्यान्वित की गई हैं।