मिलन आस मन में छाये। वन गीत मधुर मुरली गाये।।
तर्ज-
हरे बांस मंडप छाये—-
🥀गीत🥀
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मिलन आस मन में छाये।
वन गीत मधुर मुरली गाये।।
जब मोहन की बजत मुरलिया,
श्यामा दौड़ी वन आये।
वन गीत मधुर——
छम छम पग की पायल बोले,
राधा सोहन मन भाये।
वन गीत मधुर—
चहक रहे हैं विहग सुहाने,
भौरा गुंजन करवाये।
वन गीत मधुर—
नाचें मोर रसत हैं नैना,
प्रेम आश उर में लाये।
वन गीत मधुर—
श्यामा लिपटीं अमर वेल सीं,
प्रभु पग धूली विखराये।
वन गीत मधुर—
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🥀प्रभु पग धूली🥀
लक्ष्मी कान्त सोनी
महोबा
उत्तर प्रदेश