पेंशन सलाहकार समिति की बैठक में पेंशनर्स की समस्याओं पर चर्चा, कई बिंदुओं पर बनी सहमति
पेंशन सलाहकार समिति की बैठक में पेंशनर्स की समस्याओं पर चर्चा, कई बिंदुओं पर बनी सहमति
लखनऊ। 11 फरवरी 2015 को गठित पेंशन सलाहकार समिति की चौथी बैठक अपर मुख्य सचिव वित्त दीपक कुमार की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक में कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा हुई और कुछ मामलों पर स्पष्ट सहमति बनी।
बैठक में नोशनल वेतनवृद्धि के आधार पर अवकाश नकदीकरण के अवशेष का भुगतान, पीजीआई में पंडित दीनदयाल उपाध्याय कैशलेस चिकित्सा योजना के तहत बंद इलाज को पुनः शुरू करने और विधवा पुत्रवधू को पेंशन का पात्र बनाए जाने पर सहमति व्यक्त की गई। इसके साथ ही अगले माह फिर बैठक करने के निर्देश दिए गए।
पेंशनर्स के मुद्दे:
पेंशनर प्रतिनिधियों ने सरकार को चिकित्सालयों में बजट की कमी के कारण इलाज में हो रही दिक्कतों से अवगत कराया। इसके अलावा, विधवा पुत्रवधू को चिकित्सा सुविधा देने, परिवहन निगम के पेंशनरों को कोषागार से पेंशन भुगतान कराने, और नई पेंशन योजना के तहत बिरला ग्रुप द्वारा जमा धनराशि वापस कराने की मांग रखी गई।
अन्य प्रमुख विषय:
- न्यायालय में उपस्थिति हेतु यात्रा भत्ते की स्वीकृति पर स्पष्ट आदेश जारी करने की मांग।
- पेंशन राशिकरण की अवधि 12 वर्ष करने पर केंद्र सरकार अथवा न्यायालय के निर्णय पर निर्भरता।
- 65, 70 और 75 वर्ष की आयु पर 5, 10 और 15 प्रतिशत पेंशन वृद्धि का प्रस्ताव।
- कोरोना काल में रोकी गई महंगाई राहत की बकाया राशि के भुगतान पर केंद्र सरकार के निर्णय के अनुसार कार्रवाई।
- कुछ बिंदुओं को आठवें वेतन आयोग को संदर्भित करने पर सहमति।
प्रतिभागी और शासन की भूमिका:
संयुक्त पेंशनर्स कल्याण समिति उत्तर प्रदेश के संयोजक एनपी त्रिपाठी, श्याम सुंदर अग्निहोत्री, क्षमानाथ दुबे, एए फारूकी, दिवाकर राय, बलवंत प्रसाद, बीके तिवारी, सत्यदेव सिंह, ओंकार नाथ तिवारी समेत कई वरिष्ठ पेंशनर नेताओं ने अपनी मांगें रखीं। शासन की ओर से विशेष सचिव वित्त विजय कुमार सिंह, निदेशक कोषागार पंकज श्रीवास्तव, निदेशक पेंशन रविंद्र कुमार समेत अन्य अधिकारी बैठक में उपस्थित रहे।
बैठक के अंत में पेंशनर संगठनों के प्रतिनिधियों ने अपनी समस्याओं से जुड़े ज्ञापन अपर मुख्य सचिव को सौंपे। उक्त जानकारी वरिष्ठ नागरिक पेंशनर्स सेवा संस्थान के महामंत्री बीके तिवारी ने लखनऊ से लौटने पर साझा की।