अवैध शस्त्रों की भरमार: अपराधियों का मनोबल बढ़ा, पुलिस की सुस्ती पर उठे सवाल
अवैध शस्त्रों की भरमार: अपराधियों का मनोबल बढ़ा, पुलिस की सुस्ती पर उठे सवाल
महोबा: थाना कबरई पुलिस टीम ने 25 जनवरी 2025 को अवैध शस्त्रों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए एक अभियुक्त को गिरफ्तार किया। पुलिस अधीक्षक महोबा पलाश बंसल के निर्देशन में चल रहे अभियान के तहत इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया। अभियुक्त दीपक पचौरी पुत्र स्व. रामखिलावन, निवासी ग्राम सुकौरा, उम्र 48 वर्ष, को कबरई बांध के पास से हिरासत में लिया गया। पुलिस ने उसके पास से एक 315 बोर का देसी तमंचा और एक जिंदा कारतूस बरामद किया।
अभियुक्त के खिलाफ थाना कबरई में धारा 3/25 आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज कर उसे न्यायालय में पेश किया गया। पुलिस ने इसे अपनी बड़ी उपलब्धि के तौर पर पेश किया, लेकिन इस कार्रवाई ने कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
अवैध शस्त्रों के जाल में उलझा महोबा
महोबा जिले में अवैध शस्त्रों की बढ़ती तस्करी और निर्माण ने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगा दिया है। पुलिस द्वारा अपराधियों की गिरफ्तारी की खबरें तो सामने आती हैं, लेकिन अवैध शस्त्रों के स्रोतों तक पहुंचने में प्रशासन पूरी तरह विफल साबित हो रहा है।
पुलिस की लापरवाही और अपराधियों का बढ़ता मनोबल
अवैध शस्त्रों की लगातार बरामदगी यह संकेत देती है कि जिले में कहीं न कहीं बड़े पैमाने पर अवैध शस्त्र कारखाने संचालित हो रहे हैं। मीडिया और स्थानीय नागरिकों ने कई बार इन मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करवाने की कोशिश की, लेकिन पुलिस की सुस्ती और बिना परिणाम वाले अभियानों ने अपराधियों का मनोबल बढ़ा दिया है।
बेरोजगारी और तंगहाली से उपजा अपराध
जिले में बढ़ती बेरोजगारी और आर्थिक तंगी ने युवाओं को अपराध के रास्ते पर धकेल दिया है। अवैध शस्त्रों का निर्माण और तस्करी एक आकर्षक लेकिन खतरनाक विकल्प बन गया है। पुलिस की निष्क्रियता इस समस्या को और गंभीर बना रही है।
सख्त कार्रवाई की दरकार
महोबा जिले में बढ़ते अपराध और अवैध शस्त्रों की समस्या को जड़ से खत्म करने के लिए पुलिस और प्रशासन को सख्त कदम उठाने की जरूरत है। सिर्फ सतही कार्रवाई से न तो अपराध खत्म होंगे और न ही अवैध शस्त्रों का जाल टूटेगा। जनता को सुरक्षा और विश्वास दिलाने के लिए पुलिस को अपनी रणनीति में बदलाव करना होगा।
जनता का आक्रोश और उम्मीदें
स्थानीय नागरिक पुलिस की कार्यशैली से नाखुश हैं। उनका कहना है कि यदि प्रशासन ने जल्द ही इस दिशा में ठोस कदम नहीं उठाए, तो हालात और बिगड़ सकते हैं। जनता ने अपील की है कि पुलिस अवैध शस्त्रों के स्रोतों तक पहुंचे और दोषियों को सख्त सजा दिलाए।
अवैध शस्त्रों की समस्या केवल अपराध नहीं, बल्कि प्रशासनिक विफलता का प्रतीक बन चुकी है। महोबा की जनता अब पुलिस से उम्मीद कर रही है कि वह कागजी कार्रवाई से आगे बढ़कर ठोस परिणाम दे।