भारतीय किसान यूनियन ने विभिन्न मांगों को लेकर राठ तहसील परिसर में किया धरना प्रदर्शन
भारतीय किसान यूनियन ने विभिन्न मांगों को लेकर राठ तहसील परिसर में किया धरना प्रदर्शन
हमीरपुर जिले की राठ तहसील परिसर शुक्रवार को भारतीय किसान यूनियन के दर्जनों किसानों के नारों से गूंज उठा। अपनी विभिन्न मांगों को लेकर यूनियन के किसानों ने धरना प्रदर्शन किया और प्रशासन से तत्काल समस्याओं का समाधान करने की मांग की।
धरने में भाग लेने वाले प्रमुख किसान नेता
इस प्रदर्शन का नेतृत्व भारतीय किसान यूनियन के बुंदेलखंड महासचिव रामपाल सिंह चिकासी ने किया। उनके साथ रामप्रकाश बाबूजी, इंजीनियर रामहेत राजपूत, बाबूराम पाल, राजू पाल, धर्मपाल सिंह, नंदकिशोर, दिनेश, चंद्रप्रकाश, जगदीश पेंटर और बिहारीलाल सहित कई किसान शामिल हुए।
किसानों की प्रमुख मांगें
प्रदर्शन कर रहे किसानों ने अपनी समस्याओं को विस्तार से रखते हुए प्रशासन से तुरंत समाधान की मांग की। उनकी प्रमुख मांगें निम्नलिखित थीं:
1. मूंगफली खरीद केंद्र पर तौल की व्यवस्था: किसानों ने कहा कि सरकार द्वारा संचालित मूंगफली खरीद केंद्रों पर किसानों की मूंगफली की तौल नहीं हो रही है। उन्होंने मांग की कि इस प्रक्रिया को तुरंत शुरू किया जाए।
2. भुगतान में देरी: जिन किसानों की मूंगफली पहले से सरकारी खरीद केंद्रों पर बची हुई है, उन्हें भुगतान में काफी देरी हो रही है। किसानों ने चेतावनी दी कि भुगतान शीघ्र नहीं हुआ तो बड़े पैमाने पर आंदोलन होगा।
3. विद्युत कटौती की समस्या: किसानों ने कहा कि नौरंगा सब स्टेशन से जुड़े जराखर फीडर प्रथम और द्वितीय पर लगातार बिजली कटौती हो रही है। उन्होंने मांग की कि विद्युत आपूर्ति को सुचारू किया जाए, ताकि किसानों को सिंचाई और अन्य कार्यों में परेशानी न हो।
प्रदर्शन में किसानों का आक्रोश
प्रदर्शन के दौरान किसानों ने जमकर नारेबाजी की और प्रशासन के खिलाफ अपना आक्रोश व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि किसानों की समस्याओं को नजरअंदाज किया जा रहा है, जिससे उनकी आजीविका पर संकट मंडरा रहा है।
प्रशासन को चेतावनी
किसानों ने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि उनकी मांगों को शीघ्र पूरा नहीं किया गया, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन केवल राठ तहसील तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि पूरे जिले और राज्य स्तर पर फैलाया जाएगा।
प्रदर्शन का असर
किसानों के इस प्रदर्शन ने राठ तहसील परिसर में हलचल मचा दी। प्रशासन ने किसानों को भरोसा दिलाया कि उनकी मांगों पर जल्द से जल्द कार्रवाई की जाएगी।
किसानों की यह आवाज़ एक बार फिर यह दर्शाती है कि कृषि और किसान से जुड़ी समस्याएं आज भी प्राथमिकता की मांग करती हैं।