अबैध शस्त्रों से सुसज्जित अपराधियों की गिरफ्तारी का सिलसिला लगातार जारी- क्षेत्र में अबैध शस्त्र कारखाने संचालित होने की आशंका- पुलिस अबैध शस्त्रों के स्रोत का पता लगाने से कर रही परहेज
अबैध शस्त्रों से सुसज्जित अपराधियों की गिरफ्तारी का सिलसिला लगातार जारी-
क्षेत्र में अबैध शस्त्र कारखाने संचालित होने की आशंका-
पुलिस अबैध शस्त्रों के स्रोत का पता लगाने से कर रही परहेज
महोबा: महाकुंभ-2025 को शांतिपूर्ण तरीके से सम्पन्न कराने के लिए जिले में पुलिस अधीक्षक श्री पलाश बंसल के निर्देशन में सघन चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत थाना श्रीनगर की पुलिस ने तीन अपराधियों को गिरफ्तार कर 3 अवैध तमंचे और 3 जिंदा कारतूस बरामद किए। अपराधियों की पहचान अरमान खान, शेर सिंह राजपूत, और कामता प्रसाद राजपूत के रूप में हुई है। सभी आरोपियों को चोरी की रेकी करते समय पकड़ा गया।
हालांकि, यह कार्रवाई पुलिस की सफलता के रूप में प्रस्तुत की जा रही है, लेकिन यह प्रशासन की विफलता को भी उजागर करती है। अवैध शस्त्रों का प्रसार और उनका उपयोग अपराधों में बढ़ता जा रहा है। आए दिन ऐसे मामलों में गिरफ्तारियां हो रही हैं, लेकिन पुलिस अब तक इन हथियारों के स्रोत का पता लगाने में विफल रही है।
अवैध शस्त्रों के बढ़ते खतरे पर सवाल
अवैध हथियार न केवल अपराधों को बढ़ावा देते हैं, बल्कि समाज में भय का माहौल भी पैदा करते हैं। बेरोजगारी और तंगहाली के कारण लोग ऐसे अपराधों में संलिप्त हो रहे हैं, लेकिन इसके पीछे कौन सा नेटवर्क काम कर रहा है, यह बड़ा सवाल है।
मीडिया बार-बार पुलिस का ध्यान अवैध शस्त्रों की तस्करी के जड़ों पर केंद्रित करने का प्रयास कर रही है, लेकिन पुलिस केवल छोटे अपराधियों को पकड़कर खानापूर्ति कर रही है। बड़े स्तर पर कार्यवाही करने में प्रशासन की उदासीनता साफ झलकती है।
पुलिस की घोर निंदा
यह घटना इस बात का प्रमाण है कि पुलिस केवल सतही कार्रवाई तक सीमित है। जब तक अवैध हथियारों के स्रोत और तस्करों के खिलाफ सख्त कदम नहीं उठाए जाते, ऐसे अपराध रुकने वाले नहीं हैं। पुलिस को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी और केवल दिखावे की कार्रवाई करने के बजाय गहराई तक जाकर अपराध की जड़ों को खत्म करना होगा।
क्या यह समय नहीं आ गया है कि पुलिस अपनी छवि सुधारने और समाज को सुरक्षित बनाने के लिए ठोस कदम उठाए? जनता को जवाब चाहिए।