हाईटेंशन लाइन के टूटने से आधा दर्जन भैसों की मौत, पशु पालकों में मचा कोहराम

हाईटेंशन लाइन के टूटने से आधा दर्जन भैसों की मौत, पशु पालकों में मचा कोहराम

हमीरपुर जनपद के राठ कोतवाली क्षेत्र के गौहानी गांव में एक दर्दनाक घटना सामने आई है। गांव में विद्युत विभाग की लापरवाही का खामियाजा पशुपालकों को भारी नुकसान के रूप में उठाना पड़ा है। हाईटेंशन लाइन का तार टूटकर खेत में गिर गया, जिसके करंट की चपेट में आकर आधा दर्जन भैंसों और एक भैंसे की मौके पर ही मौत हो गई। इस घटना से गांव में शोक और नाराजगी का माहौल बन गया है।

घटना का विवरण

सोमवार सुबह गौहानी गांव में खेतों की ओर जा रहे पशु अचानक हाईटेंशन लाइन के टूटे हुए तारों की चपेट में आ गए। बिजली के करंट से तुलसीदास, बाबू, भूरा, मोहन और छंगा पुत्र उमराव की कुल सात पशुओं की दर्दनाक मौत हो गई। इनमें छंगा की दो भैंसें और एक भैंसा (पड़वा) शामिल हैं।

घटना की जानकारी मिलते ही परिवारों में कोहराम मच गया। पशुपालकों के लिए यह घटना एक बड़ा आर्थिक झटका है, क्योंकि यही पशु उनके परिवार की आजीविका का मुख्य स्रोत थे।

प्रशासन की कार्रवाई

घटना की सूचना मिलते ही उपजिलाधिकारी अभिमन्यु कुमार और राठ तहसील के लेखपाल करन सिंह ने मौके पर पहुंचकर निरीक्षण किया। लेखपाल ने सभी मृत पशुओं की सूची तैयार की और मुआवजे के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी।

लेखपाल ने बताया कि पशु पालकों को शासन की ओर से उचित मुआवजा दिलाने की सिफारिश की जाएगी। उपजिलाधिकारी ने विद्युत विभाग को इस घटना के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए आवश्यक कार्रवाई के आदेश दिए हैं।

पशुपालकों की मांग

घटना के बाद प्रभावित परिवारों ने मुआवजे की गुहार लगाई है। उनका कहना है कि पशुपालन ही उनकी आजीविका का एकमात्र साधन है। भैंसों की मौत से उनके परिवारों पर आर्थिक संकट आ गया है। उन्होंने प्रशासन से जल्द से जल्द मुआवजा राशि दिलाने और विद्युत विभाग की लापरवाही पर कार्रवाई करने की मांग की है।

विद्युत विभाग पर उठे सवाल

ग्रामीणों का कहना है कि हाईटेंशन लाइन की स्थिति लंबे समय से खराब थी, लेकिन विद्युत विभाग ने इसे नजरअंदाज कर दिया। इस लापरवाही के चलते यह हादसा हुआ है।

शासन की जिम्मेदारी

अब यह देखना होगा कि प्रशासन और विद्युत विभाग प्रभावित परिवारों की मदद के लिए कितनी तत्परता से कदम उठाते हैं। यह घटना विद्युत विभाग की लापरवाही को उजागर करती है और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत पर जोर देती है।

निष्कर्ष:
गौहानी गांव की यह घटना न सिर्फ एक दर्दनाक हादसा है, बल्कि प्रशासन और विद्युत विभाग के लिए चेतावनी भी है। प्रभावित परिवारों को जल्द से जल्द न्याय और मुआवजा दिलाने के साथ-साथ ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाना अनिवार्य है।

 

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