उत्तर प्रदेश में अबैध तमंचों की भरमार, कानून व्यवस्था पर सवालिया निशान- एक युवती तमंचे के साथ रील बनाते हुए नजर आयी
उत्तर प्रदेश में अबैध तमंचों की भरमार, कानून व्यवस्था पर सवालिया निशान-
एक युवती तमंचे के साथ रील बनाते हुए नजर आयी
उत्तर प्रदेश के जालौन जिले के डकोर कोतवाली क्षेत्र से एक हैरान करने वाला वीडियो सामने आया है, जहां एक युवती तमंचे के साथ रील बनाते हुए नजर आ रही है। यह घटना न केवल समाज में व्याप्त अबैध तमंचों की समस्या को उजागर करती है, बल्कि पुलिस प्रशासन की लापरवाही और कानून व्यवस्था की विफलता की ओर भी इशारा करती है।
अबैध तमंचों का बढ़ता खतरा
जालौन समेत उत्तर प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में अबैध तमंचों की उपलब्धता में लगातार इजाफा हो रहा है। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, इन क्षेत्रों में अबैध शस्त्र कारखानों के संचालन की संभावना है। इन कारखानों से बनने वाले तमंचे न केवल अपराधियों तक आसानी से पहुंच रहे हैं, बल्कि आम लोगों में भी दहशत का माहौल पैदा कर रहे हैं।
पुलिस की लापरवाही पर सवाल
डकोर कोतवाली क्षेत्र में वायरल हुए वीडियो ने पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
पुलिस अबैध तमंचों के स्रोत का पता लगाने में असफल साबित हो रही है।
कई मामलों में पुलिस अपनी जिम्मेदारियों से बचती नजर आ रही है।
वायरल वीडियो ने यह साफ कर दिया है कि कानून व्यवस्था को सख्ती से लागू करने में पुलिस नाकाम रही है।
कानून व्यवस्था की विफलता
जालौन पुलिस प्रशासन के ढुलमुल रवैये के चलते अपराधियों के हौसले बुलंद हैं।
तमंचे के साथ रील बनाने की घटना पुलिस की गश्त और खुफिया तंत्र की नाकामी को उजागर करती है।
यह घटना यह भी दिखाती है कि अपराधियों और आम लोगों में पुलिस का कोई डर नहीं बचा है।
समाज पर असर
अबैध तमंचे अब केवल अपराधियों तक सीमित नहीं रहे, बल्कि ये अब युवाओं के बीच “शो-ऑफ” का जरिया बन गए हैं।
इन हथियारों का इस्तेमाल अपराधों में बढ़ोतरी का बड़ा कारण बनता जा रहा है।
अबैध तमंचों के बढ़ते चलन से न केवल अपराध बढ़े हैं, बल्कि समाज में असुरक्षा का माहौल भी गहराया है।
मांग और अपील
1. अबैध शस्त्र कारखानों पर सख्त कार्रवाई: सरकार और प्रशासन को अबैध शस्त्र निर्माण और आपूर्ति करने वाले गिरोहों पर तुरंत सख्त कदम उठाने चाहिए।
2. पुलिस की जवाबदेही तय हो: पुलिस प्रशासन की लापरवाही पर सवाल उठाने और जवाबदेही तय करने के लिए उच्च स्तरीय जांच आवश्यक है।
3. युवाओं में जागरूकता: समाज में फैली इस समस्या को रोकने के लिए युवाओं में जागरूकता अभियान चलाना चाहिए।
निष्कर्ष
जालौन की इस घटना ने साफ कर दिया है कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था को दुरुस्त करने की सख्त जरूरत है। पुलिस प्रशासन को अपनी जिम्मेदारियों का ईमानदारी से निर्वहन करना होगा, अन्यथा अबैध तमंचों का यह आतंक पूरे समाज को असुरक्षित बना देगा। सरकार और पुलिस प्रशासन को इस मामले में ठोस कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि ऐसे अपराधों पर लगाम लगाई जा सके और समाज में सुरक्षा का माहौल कायम हो।