विश्व में योग को बढ़ावा देने के लिए आयुष मंत्रालय और भारतीय सांस्कृतिक संबंद परिषद (आईसीसीआर) संयुक्त प्रयासों को तेज करने की तैयारी में
विश्व में योग को बढ़ावा देने के लिए आयुष मंत्रालय और भारतीय सांस्कृतिक संबंद परिषद (आईसीसीआर) संयुक्त प्रयासों को तेज करने की तैयारी में |
दुनिया के विभिन्न देशों में योग को बढ़ावा देने के लिए संयुक्त प्रयास को और प्रभावी बनाने के क्रम में आज नई दिल्ली में आयुष मंत्रालय और भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) के बीच एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित की गई। यह बैठक आईसीसीआर के अध्यक्ष डॉ. विनय सहस्त्रबुद्धे और आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा के बीच हुई। प्रामाणिक योग को विश्व भर में प्रोत्साहित करने के क्रम में योग प्रमाणन बोर्ड (वाईसीबी) के लिए प्रमाणन ढांचे के इस्तेमाल का भी फैसला किया गया।
योग प्रमाणन बोर्ड (वाईसीबी) और मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान (एमडीएनआईवाई) दो ऐसे संस्थान हैं जिन्होंने विश्व स्तर पर योग को प्रचारित और प्रसारित करने के उद्देश्य से आईसीसीआर के साथ अलग-अलग साझेदारी की है। वाईसीबी ने आईसीसीआर के साथ साझेदारी कर उसे वाईसीबी की व्यक्तिगत प्रमाणन संस्था के रूप में मान्यता दी है। आईसीसीआर, भारत के सांस्कृतिक कार्यक्रमों और नीतियों के क्रियान्वयन में सक्रियता से साझेदारी करता है, अतः वाईसीबी का यह स्वाभाविक साझेदार बन कर उभरा। आईसीसीआर के वाईसीबी के साथ आने के उपरांत दुनिया के विभिन्न देशों में मौजूद दूतावासों का उपयोग व्यवसायिक योग प्रशिक्षक तैयार करने और मान्य श्रेणियों में उन्हें प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने के लिए दिशा-निर्देशों में उल्लेखित केंद्रों और योग संस्थानों को प्रमाण पत्र देने हेतु किया जाएगा। संबंधित देशों में मौजूद दूतावास योग के मानकीकरण के लिए वाईसीबी की गतिविधियों और सूचनाओं को प्रोत्साहित करने में मदद करेंगे। एमडीएनआईवाई के साथ आईसीसीआर साझेदारी कर विश्व के विभिन्न देशों में विश्वसनीय योगाभ्यास अपनाए जाने की आवश्यकता के लिए योग संस्थानों और केंद्रों तथा योग प्रशिक्षकों को संवेदनशील बनाने का कार्य करेगा। आईसीसीआर विदेशों में योग संस्थानों और केंद्रों को मान्यता भी देने का कार्य करेगा। समीक्षा बैठक में यह पाया गया कि विश्व भर में विश्वसनीय योग प्रशिक्षण की मांग बढ़ रही है इसके चलते योग का भी व्यवसायीकरण शुरू हो गया है और अनेक प्रशिक्षण संस्थान पैदा हो गए हैं जिनकी गुणवत्ता संदिग्ध है। इनमें से कई संस्थान गैर प्रशिक्षित प्रशिक्षकों को योग पाठ्यक्रम सिखाने के लिए नियुक्त करते हैं जो कि मान्य नहीं है और जिनकी गुणवत्ता मापदंड के अनुरूप नहीं है। योग प्रमाणन बोर्ड ऐसे मुद्दों से निपटने के कार्य में लगा हुआ है, जिसके लिए विश्वसनीय भारतीय योग अभ्यास के प्रशिक्षण और शिक्षण का कार्य किया जा रहा है। इस हेतु संस्थानों से साझेदारी, संस्थानों की मान्यता और योग प्रशिक्षण का प्रमाणन किया जा रहा है। यह प्रयास स्वस्थ समाज और स्वस्थ राष्ट्रों के लिए उल्लेखनीय योगदान दे रहे हैं। आईसीसीआर का वृहद वैश्विक ढांचा बड़ी संख्या में विश्व के देशों में योग के प्रमाणन और प्रोत्साहन में उपयोग में लाया जाएगा, जो कि संभावित शिक्षार्थियों को यह सुनिश्चित करेगा कि उन्हें उक्त संस्था या केंद्र द्वारा उपलब्ध कराया जा रहा प्रशिक्षण विश्वसनीय और स्वीकार्य गुणवत्ता का है। समीक्षा बैठक में जिन अन्य बिंदुओं पर विचार-विमर्श किया गया उनमें योग प्रमाणन हेतु वाईसीबी द्वारा विश्व के विभिन्न देशों में संभावित रिमोट एसेसमेंट कियोस्क विकसित करना भी शामिल है जो कि विभिन्न देशों में शुरू किया जाएगा ताकि वाईसीबी रिमोटली योग प्रमाण पत्र जारी कर सके और योग से संबंधित विश्वसनीय पाठ्य सामग्री को प्रमाणित कर सके। साथ ही साथ विश्व स्तर पर आयुर्वेद को प्रोत्साहित करने के लिए संभावित साझेदारी की जा सके। बैठक में यह तय किया गया कि इन उद्देश्यों को समयबद्ध ढंग से पूर्ण करने के लिए कार्य किया जाएगा। |