राजकीय बालिका इंटर कॉलेज महोबा: शिक्षिका की आत्महत्या से हड़कंप, तीन शिक्षिकाओं पर उत्पीड़न का आरोप

राजकीय बालिका इंटर कॉलेज महोबा: शिक्षिका की आत्महत्या से हड़कंप, तीन शिक्षिकाओं पर उत्पीड़न का आरोप

महोबा, उत्तर प्रदेश – जिले के राजकीय बालिका इंटर कॉलेज में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। कॉलेज में कार्यरत पीटीए शिक्षिका ने तीन शिक्षिकाओं द्वारा किए गए कथित उत्पीड़न से परेशान होकर आत्महत्या कर ली। इस घटना से पूरे जिले में सनसनी फैल गई है। आत्महत्या के बाद मिले सुसाइड नोट और परिजनों द्वारा दी गई तहरीर से मामले ने और गंभीर मोड़ ले लिया है।

क्या है मामला?

राजकीय बालिका इंटर कॉलेज की पीटीए शिक्षिका (शिक्षक-शिक्षा समिति से नियुक्त) पिछले कई दिनों से मानसिक तनाव में थी। तहरीर और सुसाइड नोट के अनुसार, शिक्षिका ने तीन वरिष्ठ शिक्षिकाओं पर बार-बार मानसिक और भावनात्मक उत्पीड़न का आरोप लगाया है।

सुसाइड नोट में शिक्षिका ने लिखा कि कॉलेज के भीतर उन्हें बार-बार अपमानित किया गया, उनकी मेहनत को नजरअंदाज किया गया और निजी हमले किए गए। शिक्षिका ने यह भी लिखा कि उन्होंने इस प्रताड़ना को सहन करने की भरपूर कोशिश की, लेकिन अंततः उन्होंने हार मान ली।

परिजनों का आरोप

पीड़िता के परिजनों ने तीनों शिक्षिकाओं पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि कॉलेज प्रशासन को इन उत्पीड़न की शिकायत पहले भी की गई थी, लेकिन कार्रवाई के नाम पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।

पुलिस कार्रवाई

घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। सुसाइड नोट और तहरीर के आधार पर पुलिस ने तीन शिक्षिकाओं के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।

महोबा पुलिस अधीक्षक ने बयान दिया है कि मामले की जांच शुरू हो गई है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

महोबा में बढ़ते अपराध पर सवाल

यह घटना महोबा जिले में हाल के दिनों में बढ़ते अपराधों की कड़ी का हिस्सा मानी जा रही है। हत्या, आत्महत्या और उत्पीड़न जैसे मामलों में वृद्धि से जिले के लोग चिंतित हैं।

जनता और शिक्षा जगत में आक्रोश

इस घटना से शिक्षा जगत में आक्रोश फैल गया है। शिक्षकों के संगठनों और स्थानीय नागरिकों ने घटना की निष्पक्ष जांच और दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग की है।

निष्कर्ष

यह घटना न केवल एक शिक्षिका की दुखद मौत को उजागर करती है, बल्कि शैक्षणिक संस्थानों में व्याप्त मानसिक उत्पीड़न जैसे गंभीर मुद्दों पर भी सवाल खड़े करती है। अब देखना होगा कि प्रशासन और पुलिस इस मामले में कितनी तेजी से कार्रवाई करती है और पीड़िता को न्याय दिलाने में सफल होती है।

(नोट: विस्तृत जानकारी के लिए जांच जारी है। अपडेट्स के लिए जुड़े रहें।)

 

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