सुरक्षित नहीं हिन्द में वेटीं, लुटती अवला इज्जत आज।
🥀वीर आल्हा छंद🥀
(ताजा घटना पर आधारित)
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सुरक्षित नहीं हिन्द में वेटीं,
लुटती अवला इज्जत आज।
पापी डोलें गैलन गैलन,
इनको नहीं तनिक भी लाज।।
लख कानून देश में जारी,
आते ना हरकत से वाज।
फांसी दे दो जल्दी इनको,
विगड़ो जावे सारो राज।।
सुरक्षित नहीं—
जिला महोबा की ये घटना,
सुनकें जियरा मम घबराय।
अजनर थाना क्षेत्र लेख लो,
आंगें लज्जा हमखां आय।।
नावालिक को बन्धक करके,
पापी मुह काला करवाय।
नहीं दिखाने श्याम वहां पर,
अवला चीर हरण हो जाय।।
सुरक्षित नहीं–
घटना कैऊ घटीं हिन्द में,
अब भी जारी पापाचार।
नहीं खौफ इन्हें काहु को,
पापी करते आखीं चार।।
अखियन सें बाढ़ी हैं सलिला,
कुम्हलाय आँगन को हार।
मनुआ मोरो चैन न छावै,
जूता मारों इनखां चार।।
सुरक्षित नहीं–
कबै डुलेगी आसन योगी,
विनती करते वारंवार।
अबना चाय पिलाते रहना,
सुनलो मोदी करुण पुकार।।
प्रभुपग वेटीं वेवश लगतीं,
मच गओ हिन्द हा हा कार।
आओ मेरे किशन मुरारी,
भूले काहे पालन हार।।
सुरक्षित नहीं—
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🥀प्रभु पग धूल🥀
लक्ष्मी कान्त सोनी
महोबा
उत्तर प्रदेश