खाकी की आड़ में कालाबाजारी: महोबा के पनवाड़ी में पुलिस पर किसानों का शोषण करने का आरोप
खाकी की आड़ में कालाबाजारी: महोबा के पनवाड़ी में पुलिस पर किसानों का शोषण करने का आरोप
महोबा जनपद के पनवाड़ी थाना क्षेत्र में खाकी वर्दीधारी पुलिसकर्मियों पर किसानों के अधिकारों का हनन और कालाबाजारी करने के गंभीर आरोप लगे हैं। ग्राम पंचायत भरवारा स्थित प्रधानमंत्री जन उर्वरक केंद्र पर खाद वितरण में हो रही अनियमितताओं से किसानों में गहरा आक्रोश है।
किसानों का कहना है कि सुबह से लंबी कतारों में खड़े होने के बाद भी उन्हें केवल आधार कार्ड दिखाने पर मात्र दो बोरी खाद मिल रही है। वहीं दूसरी ओर, पुलिसकर्मी अपनी वर्दी की धौंस दिखाकर बिना किसी दस्तावेज़ के मनमाने तरीके से उर्वरक की बोरी लेकर जा रहे हैं।
पुलिस की जीप बनी कालाबाजारी का जरिया
मामले ने तब तूल पकड़ा, जब पनवाड़ी थाना प्रभारी की सरकारी पुलिस जीप में 15-20 बोरी खाद भरकर ऊंचे दामों पर बेचने का वीडियो कैमरे में कैद हुआ। किसानों ने आरोप लगाया कि पुलिसकर्मी इस खाद को ब्लैक मार्केट में बेचकर मोटा मुनाफा कमा रहे हैं।
किसानों को धमकाकर हो रही मनमानी
खाद के लिए तरसते किसान जब इस काले कारनामे पर सवाल उठाते हैं, तो उल्टा पुलिस उन्हें जेल में डालने की धमकी देती है। साहब के ये वर्दीधारी सचिव पर दबाव बनाकर खाद का मनचाहा आवंटन करवा लेते हैं, जबकि किसान बेबस होकर तमाशा देखते रह जाते हैं।
प्रशासन की चुप्पी पर उठे सवाल
पुलिस प्रशासन की इस भ्रष्टाचारपूर्ण हरकत पर जिले के वरिष्ठ अधिकारियों ने चुप्पी साध रखी है। किसानों का कहना है कि उनकी समस्या की ओर ध्यान देने के बजाय अधिकारी कुम्भकरणी नींद में सो रहे हैं।
किसानों का आक्रोश चरम पर
इस घटना के बाद किसानों में भारी आक्रोश है। वे इसे अपना शोषण और अधिकारों का हनन मानते हुए उच्च अधिकारियों से मामले की निष्पक्ष जांच और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
क्या प्रशासन जागेगा?
पनवाड़ी थाना क्षेत्र की इस घटना ने न सिर्फ पुलिस प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि किसानों की तकलीफों को भी उजागर किया है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है या फिर किसानों को उनके हाल पर छोड़ दिया जाएगा।