महोबा: पुलिस की निष्क्रियता से बढ़ रहे अपराध, अवैध हथियारों की भरमार बनी चिंता का विषय
महोबा: पुलिस की निष्क्रियता से बढ़ रहे अपराध, अवैध हथियारों की भरमार बनी चिंता का विषय
महोबा: जिले में अपराधियों के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं। कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए अवैध तमंचों और हथियारों की बढ़ती तस्करी और उपलब्धता अपराधों को बढ़ावा दे रही है। थाना अजनर क्षेत्र के कैंथोला गांव में हालिया विवाद इसका उदाहरण है, जहां मामूली बात पर पथराव के साथ-साथ अवैध तमंचों से फायरिंग हुई। इस घटना में तीन लोग घायल हो गए, जिनमें महिलाएं भी शामिल हैं।
अवैध हथियारों की बढ़ती समस्या
जिले में अवैध तमंचों की भरमार किसी बड़े खतरे का संकेत दे रही है। स्थानीय अपराधी आसानी से इन हथियारों को हासिल कर रहे हैं और पुलिस की निष्क्रियता से उनका मनोबल और बढ़ रहा है। कई घटनाओं में देखा गया है कि अवैध हथियार और कारतूस आपराधिक गतिविधियों में अहम भूमिका निभा रहे हैं।
कहां से आ रहे अवैध हथियार?
महोबा समेत पूरे बुंदेलखंड क्षेत्र में अवैध हथियारों का कारोबार तेजी से फल-फूल रहा है। सवाल यह उठता है कि ये तमंचे और कारतूस आखिर कहां से आ रहे हैं? सूत्रों के अनुसार, आसपास के जिलों और सीमावर्ती राज्यों से हथियारों की तस्करी की जा रही है। गांव-गांव में अपराधी अब आसानी से ये अवैध हथियार खरीद पा रहे हैं, जिससे छोटी घटनाएं भी बड़े अपराध का रूप ले रही हैं।
पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल
स्थानीय लोगों का कहना है कि पुलिस प्रशासन की सुस्ती के चलते अपराधियों के हौसले बुलंद हो गए हैं। कई मामलों में शिकायतें दर्ज होने के बावजूद कार्रवाई न होना चिंता का विषय है। इसके अलावा, अवैध हथियारों के खिलाफ विशेष अभियान न चलाया जाना इस समस्या को और गंभीर बना रहा है।
समाज में भय का माहौल
बढ़ते अपराधों और खुलेआम तमंचों के इस्तेमाल ने ग्रामीण इलाकों में भय और असुरक्षा का माहौल पैदा कर दिया है। आमजन की मांग है कि पुलिस प्रशासन अवैध हथियारों की सप्लाई को जड़ से खत्म करे और अपराधियों पर सख्त कार्रवाई करे ताकि जिले में कानून व्यवस्था बहाल हो सके।
निष्कर्ष
महोबा जिले में बढ़ते अपराधों और अवैध हथियारों की उपलब्धता को लेकर प्रशासन को अब और गंभीर होने की जरूरत है। यदि समय रहते इस पर लगाम न लगाई गई तो यह समस्या जिले में बड़े अपराधों को जन्म दे सकती है।