केंद्रीय मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने पूसा नई दिल्ली में वैश्विक मृदा सम्मेलन 2024 के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया

केंद्रीय मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने पूसा नई दिल्ली में वैश्विक मृदा सम्मेलन 2024 के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया


केंद्रीय मंत्री ने वैज्ञानिकों, नीति निर्माताओं, चिकित्सकों से तेल उत्पादकता बढ़ाने के लिए कार्रवाई योग्य, किसान-केंद्रित समाधान विकसित करने में सहयोग करने का आग्रह किया

वैश्विक मृदा सम्मेलन 2024 की थीम “खाद्य सुरक्षा से परे मिट्टी की देखभाल: जलवायु शमन परिवर्तन और पारिस्थितिकी तंत्र सेवाएँ”

केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण व ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज नई दिल्ली पूसा में आयोजित वैश्विक मृदा सम्मेलन 2024 के उद्घाटन सत्र को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित किया। इंटरनेशनल यूनियन के तत्वाधान में भारतीय मृदा विज्ञान सोसायटी नई दिल्ली, इटली कृषि अनुसंधान परिषद के सहयोग से भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली, राष्ट्रीय कृषि विज्ञान अकादमी नई दिल्ली 4 दिवसीय वैश्विक मृदा सम्मेलन 2024 “खाद्य सुरक्षा से परे मिट्टी की देखभाल:जलवायु परिवर्तन शमन और पारिस्थितिकी तंत्र सेवाएं” का आयोजन कर रही है। प्रोफेसर रमेश चंद नीति आयोग के सदस्य, अध्यक्ष, पौधा किस्म और किसान अधिकार संरक्षण प्राधिकरण और पूर्व सचिव डीएआरई और महानिदेशक आईसीएआर डॉ त्रिलोचन महापात्र व सचिव डेयर और महानिदेशक, आईसीएआर और अध्यक्ष आईएसएसएस डॉ हिमांशु पाठक समारोह में उपस्थित थे।

केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने संबोधन में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने और वैश्विक स्थिरता प्राप्त करने में भारत सरकार की विभिन्न पहलों का उल्लेख करते हुए मृदा स्वास्थ्य पर एक महत्वपूर्ण एवं सम्मोहक संबोधन प्रस्तुत किया। श्री चौहान ने मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन को व्यापक जलवायु क्रियान्वयन नीतियों में एकीकृत करने के लिए सरकार के सक्रिय प्रयासों पर प्रकाश डाला। साथ ही जलवायु परिवर्तन को कम करने और पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं का समर्थन करने में मिट्टी की अहम भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने वैज्ञानिकों, नीति निर्माताओं तथा चिकित्सकों से मिट्टी की उत्पादकता तथा लचीलापन बढ़ाने तथा कार्रवाई हेतु किसान-केन्द्रित समाधान विकसित करने का भी आग्रह किया। उन्होंने मिट्टी के क्षरण एवं पोषक तत्वों की हानि जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए नवीन तकनीकों का लाभ प्राप्त करने का भी आग्रह किया।

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