ट्राई ने “एनकरेजिंग इनोवेटिव टेक्‍नोलॉजीस, सर्विसेज, यूज केसेस एंड बिजनेस मॉडल्‍स थ्रू रेगुलेटरी सैंड बॉक्‍स इन डिजिटल कम्‍युनिकेशन सेक्‍टर” पर सिफारिशें प्रस्‍तुत कीं

ट्राई ने “एनकरेजिंग इनोवेटिव टेक्‍नोलॉजीस, सर्विसेज, यूज केसेस एंड बिजनेस मॉडल्‍स थ्रू रेगुलेटरी सैंड बॉक्‍स इन डिजिटल कम्‍युनिकेशन सेक्‍टर” पर सिफारिशें प्रस्‍तुत कीं

भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने आज “एनकरेजिंग इनोवेटिव टेक्‍नोलॉजीस, सर्विसेज, यूज केसेस एंड बिजनेस मॉडल्‍स थ्रू रेगुलेटरी सैंड बॉक्‍स इन डिजिटल कम्‍युनिकेशन सेक्‍टर” (डिजिटल संचार क्षेत्र में नियामक सैंडबॉक्स के माध्यम से नवीन प्रौद्योगिकियों, सेवाओं, उपयोग के मामलों और व्यापार मॉडल को प्रोत्साहित करने) पर अपनी सिफारिशें प्रस्‍तुत की हैं। 5जी/6जी, मशीन टू मशीन कम्युनिकेशंस, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, वर्चुअल रियलिटी और अन्य में नए तकनीकी विकास को देखते हुए, एक ऐसा वातावरण प्रदान करने की आवश्यकता है जिसमें नई प्रौद्योगिकियों, सेवाओं, उपयोग के मामलों और व्यापार मॉडल का लाइव नेटवर्क में परीक्षण किया जा सके, या मौजूदा कार्यों व प्रक्रियाओं को परिष्कृत किया जा सके। इस तात्कालिक आवश्यकता को पूरा करने के लिए, दूरसंचार विभाग ने 10 मार्च, 2023 को भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण को लिखा था, जिसमें डिजिटल संचार उद्योग में नई सेवाओं, प्रौद्योगिकियों और व्यापार मॉडल के लिए नियामक सैंडबॉक्स ढांचे के संबंध में ट्राई की सिफारिशों का अनुरोध किया गया था। दूरसंचार विभाग के  संदर्भ को ध्यान में रखते हुए, ट्राई ने 19 जून, 2023 को एक परामर्श पत्र प्रकाशित किया, जिसमें हितधारकों से प्रतिक्रिया मांगी गई।

नियामक सैंडबॉक्स (आरएस) दूरसंचार नेटवर्क और ग्राहक संसाधनों तक विनियमित तरीके से लेकिन वास्तविक समय में पहुंच संभव करता है। यह ऐसी प्रक्रिया है, जो प्रयोगशाला परीक्षण या पारंपरिक प्रयोगिक तरीकों में संभव नहीं है। नियमों में विशिष्ट और सामान्य छूट, केवल आरएस परीक्षण के लिए मान्य, नए विचारों के परीक्षण के लिए दी जाती है। कई देशों में नियामक निकायों ने ऐसे सैंडबॉक्स ढांचे की स्थापना की है। भारत में लाइव परीक्षण के लिए इस तरह की रूपरेखा प्रदान करने से अधिक उद्यमियों को देश के साथ-साथ दुनिया के डिजिटल संचार उद्योग के लिए समाधान विकसित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

तदनुसार, केंद्र सरकार ने अन्य बातों के साथ-साथ 24 दिसंबर, 2023 को अधिसूचित दूरसंचार अधिनियम’ 2023 में निम्नलिखित प्रावधान किए :

“केंद्र सरकार, दूरसंचार में नवाचार और तकनीकी विकास को प्रोत्साहित करने एवं सुविधाजनक बनाने के प्रयोजनों के लिए, इस तरह से, और ऐसी अवधि के लिए, जैसा कि निर्धारित किया जा सकता है, एक या अधिक नियामक सैंडबॉक्स बना सकती है।

विवरण- इस खंड के प्रयोजनों के लिए, “नियामक सैंडबॉक्स” एक लाइव परीक्षण वातावरण को संदर्भित करता है जहां नए उत्पादों, सेवाओं, प्रक्रियाओं और व्यवसाय मॉडल को लागू किया जा सकता है, जो उपयोगकर्ताओं के एक सीमित सेट पर, निर्दिष्ट अवधि के लिए, इस अधिनियम के प्रावधानों से कुछ छूट के साथ उपलब्‍ध होगा।

दूरसंचार विभाग ने उभरती नई रेडियो संचार प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों, बाह्य परीक्षण/प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए ‘स्पेक्ट्रम नियामक सैंडबॉक्स’ (एसआरएस) या ‘वाइट ज़ोन (वायरलेस टेस्ट ज़ोन)’ स्थापित करने और संचालित करने के लिए 11.03.2024 को दिशानिर्देश भी जारी किए हैं। हालांकि, ये दिशानिर्देश परीक्षण/अनुसंधान और विकास (आर एंड डी) के उद्देश्य से पीएसटीएन/सार्वजनिक वाणिज्यिक नेटवर्क/उपग्रह के साथ किसी भी कनेक्टिविटी के लिए प्रदान नहीं करते हैं अर्थात वाईई क्षेत्रों में परीक्षण उत्पादों को लाइव नेटवर्क वातावरण में एक्सपोजर की अनुमति नहीं देता है। ऑफलाइन/प्रयोगशाला/वाइट जोन परीक्षण से परे, वास्तविक लाइव नेटवर्क वातावरण में उत्पादों के परीक्षण की आवश्यकता होगी। इसके अलावा, स्पेक्ट्रम से संबंधित छूट के अलावा, कुछ उत्पादों को लाइव नेटवर्क आवश्यकताओं में परीक्षण के लिए अन्य प्रकार की नियामक छूट की आवश्यकता हो सकती है।

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