कश्मीर के विस्थापित मतदाताओं को बड़ी राहत; भारत निर्वाचन आयोग ने जम्मू और उधमपुर में रहने वाले विस्थापितों के लिए फॉर्म-एम की बोझिल प्रक्रिया को रद्द कर दिया
कश्मीर के विस्थापित मतदाताओं को बड़ी राहत; भारत निर्वाचन आयोग ने जम्मू और उधमपुर में रहने वाले विस्थापितों के लिए फॉर्म-एम की बोझिल प्रक्रिया को रद्द कर दिया
इन क्षेत्रों के बाहर रहने वाले विस्थापितों के लिए, फॉर्म एम जारी रहेगा, लेकिन राजपत्रित अधिकारी सत्यापन के बजाय स्व-सत्यापन प्रमाण पत्र के साथ मान्य
जम्मू और उधमपुर के सभी विस्थापित क्षेत्रों में विशेष मतदान केंद्र बनाए जाएंगे
आम चुनाव 2024 को मद्देनजर रखते हुए कश्मीरी विस्थापितों की मतदान सुविधा के लिए एक बड़ा फैसला करते हुए, भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने जम्मू और उधमपुर में रहने वाले घाटी के विस्थापित लोगों के लिए फॉर्म-एम भरने की बोझिल प्रक्रिया को समाप्त कर दिया है। इसके अतिरिक्त, जम्मू और उधमपुर के बाहर रहने वाले विस्थापितों के लिए (जो फॉर्म एम जमा करना जारी रखेंगे), ईसीआई ने फॉर्म-एम के साथ संलग्न प्रमाण पत्र के स्व-सत्यापन को मान्य कर दिया है। इस प्रकार इस प्रमाण-पत्र को राजपत्रित अधिकारी द्वारा सत्यापित करने की परेशानी को दूर किया गया है। आयोग ने आज मुख्य चुनाव आयुक्त श्री राजीव कुमार की अध्यक्षता में चुनाव आयुक्तों श्री ज्ञानेश कुमार और डॉ. सुखबीर सिंह संधू के साथ एक बैठक के बाद यह निर्णय लिया।
अनेक कश्मीरी विस्थापित समूहों से विभिन्न अभ्यावेदन प्राप्त हुए थे, जिनमें प्रत्येक चुनाव में फार्म-एम भरने में आने वाली कठिनाइयों का उल्लेख किया गया था। इसके कारण उन्हें अपने मताधिकार का प्रयोग करने में काफी परेशानी होती थी। फॉर्म-एम प्रक्रिया के कारण इन मतदाताओं को अन्य मतदाताओं की तुलना में अधिक बाधाओं का सामना करना पड़ता था। उल्लेखनीय है कि फॉर्म-एम भरने की प्रक्रिया अक्सर जटिल और बोझिल होती है, जिसमें विशिष्ट दस्तावेज़, विस्थापन स्थिति के प्रमाण और राजपत्रित अधिकारी द्वारा सत्यापन की आवश्यकता होती है। जम्मू और कश्मीर के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने भी राजनीतिक दलों के साथ पूर्ण सहमति और परामर्श के बाद 09 अप्रैल, 2024 को आयोग को अपनी टिप्पणियां प्रस्तुत की थीं। आयोग ने योजना के संबंध में कई कश्मीरी विस्थापित समूहों से प्राप्त ज्ञापन, राजनीतिक दलों से प्राप्त प्रतिक्रिया और मुख्य निर्वाचन अधिकारी, जम्मू व कश्मीर संघ राज्य क्षेत्र की टिप्पणियों को ध्यान में रखते हुए, कश्मीरी विस्थापितों के लिए अस्थायी शिविरों में व्यक्तिगत रूप से मतदान करने और लोकसभा के चल रहे आम चुनाव से संबंधित डाक मतपत्र के माध्यम से मतदान करने की योजना को अधिसूचित किया। इसके संबंध में आदेश संख्या 3/जे एंड के-एचपी/2024(NS-I) दिनांक 11 अप्रैल, 2024 के तहत अधिसूचना जारी की गई।
जम्मू और उधमपुर के विस्थापित मतदाताओं के लिए:
- सभी 22 विशेष मतदान केंद्रों (जम्मू में 21 और उधमपुर में 1) को अलग-अलग शिविरों/क्षेत्रों में निर्धारित किया जाएगा। इसके लिए यह सुनिश्चित किया जाएगा कि प्रत्येक क्षेत्र में कम से कम एक विशेष मतदान केंद्र हो। यदि एक जोन में कई मतदान केंद्र हैं, तो जोनल अधिकारी मतदाताओं के प्रत्येक सेट के लिए दूरी/पहुंच की आसानी को ध्यान में रखते हुए ऐसे प्रत्येक मतदान केंद्र के लिए अंतर-क्षेत्रीय क्षेत्राधिकार निर्धारित करेंगे। यदि कोई ऐसा क्षेत्र है जिसमें मौजूदा विशेष मतदान केंद्रों में से कोई भी नहीं है, तो राजनीतिक दलों के साथ परामर्श सहित मतदान केंद्र स्थापित करने के संबंध में आयोग के सभी मौजूदा निर्देशों का पालन करते हुए एक उपयुक्त सरकारी भवन में संबंधित सहायक रिटर्निंग अधिकारी (एआरओ)– विस्थापित द्वारा एक नया विशेष मतदान केंद्र प्रस्तावित किया जाएगा। इसके परिणामस्वरूप, इन क्षेत्रों/शिविरों में रहने वाले मतदाताओं को जम्मू और उधमपुर में संबंधित एईआरओ-विस्थापित द्वारा संबंधित मतदान केंद्रों तक निर्धारित किया जाएगा।
- II. इन विशेष मतदान केंद्रों में से प्रत्येक के अनुरूप मतदाता नामावली को उनके संबंधित विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों की मूल मतदाता नामावलियों से लिया जाएगा। प्रत्येक जोन के लिए संबंधित विशेष मतदान केंद्रों के लिए मतदाता सूची के रूप में उपयोग किए जाने वाली ड्राफ्ट मतदाता नामावली के उद्धरण जम्मू और उधमपुर में संबंधित एईआरओ– विस्थापित द्वारा अधिसूचित किए जाएंगे। नामावली को समाचार पत्रों में प्रकाशित किया जाएगा और साथ ही इसे जोन कार्यालय सहित जोन में सभी विशिष्ट स्थानों के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर के राहत और पुनर्वास आयुक्त के कार्यालय जैसे महत्वपूर्ण स्थानों तथा वेबसाइटों आदि पर उपलब्ध कराके उसका व्यापक प्रचार किया जाएगा। प्रारूप मतदाता नामावली की अधिसूचना जारी होने के 7 दिनों के भीतर सभी मतदाताओं को जम्मू और उधमपुर के संबंधित सहायक रिटर्निंग अधिकारियों (विस्थापित) से संपर्क करना होगा। इस मामले में निम्नलिखित महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विचार किया जाएगा: