केएबीआईएल और सीएसआईआर-आईएमएमटी ने महत्वपूर्ण खनिजों के लिए तकनीकी और ज्ञान सहयोग के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

केएबीआईएल और सीएसआईआर-आईएमएमटी ने महत्वपूर्ण खनिजों के लिए तकनीकी और ज्ञान सहयोग के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

खनिज विदेश इंडिया लिमिटेड (केएबीआईएल) ने महत्वपूर्ण खनिजों के लिए तकनीकी और ज्ञान सहयोग हेतु वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद- खनिज और सामग्री प्रौद्योगिकी संस्थान (सीएसआईआर-आईएमएमटी) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। इस समझौते ज्ञापन पर आज भुवनेश्‍वर में नाल्को कॉर्पोरेट कार्यालय में नाल्को के मुख्य प्रबंध निदेशक और केएबीआईएल के अध्यक्ष श्री श्रीधर पात्रा की उपस्थिति में श्री सदाशिव सामंतराय, निदेशक (वाणिज्यिक), नाल्को और मुख्य कार्यकारी अधिकारी, केएबीआईएल और डॉ. रामानुज नारायण, निदेशक, सीएसआईआर-आईएमएमटी ने हस्ताक्षर किए।

समझौते के अंतर्गत, केएबीआईएल विभिन्न परियोजनाओं का शुभारंभ करने के लिए सीएसआईआर-आईएमएमटी की तकनीकी विशेषज्ञता और सेवाओं का लाभ उठाएगा, जिसमें धातुकर्म परीक्षण कार्य-योजनाओं के डिजाइन और विश्लेषण, प्रक्रिया फ्लोशीट के विकास और समीक्षा एवं खनिज प्रसंस्करण के लिए प्रक्रिया प्रौद्योगिकियों का चयन शामिल है। इसके अलावा, यह समझौता संयुक्त अनुसंधान की भी शुरूआत करेगा और दोनों संस्थाओं के बीच वैज्ञानिक जानकारी के आदान-प्रदान की सुविधा प्रदान करेगा।

सीएसआईआर-आईएमएमटी के साथ जुड़ने पर अपनी प्रसन्नता व्यक्त करते हुए नाल्को के मुख्य प्रबंध निदेशक और केएबीआईएल के अध्यक्ष श्री श्रीधर पात्रा ने कहा कि इस सहयोग से महत्वपूर्ण खनिजों की खोज के लिए आवश्यक समृद्ध वातावरण को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि खनिज और धातुकर्म क्षेत्रों में वैज्ञानिक अनुसंधान और प्रौद्योगिकी विकास को आगे बढ़ाना भारतीय खनन उद्योग के विकास और स्थिरता के लिए आवश्यक है और यह देश की खनिज सुरक्षा के साथ-साथ घरेलू आवश्यकताओं को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

केएबीआईएल भारत सरकार के खान मंत्रालय के तत्वावधान में तीन भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों- नेशनल एल्युमीनियम कंपनी लिमिटेड (नाल्को), हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड (एचसीएल) और मिनरल एक्सप्लोरेशन एंड कंसल्टेंसी लिमिटेड (एमईसीएल) की एक संयुक्त उद्यम कंपनी है। केएबीआईएल का उद्देश्य घरेलू आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए देश में आपूर्ति आश्वासनों और खनिज सुरक्षा को सुनिश्चित करते हुए मेक इन इंडिया पहल को महत्वपूर्ण रूप से आगे बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण एवं आवश्यक खनिजों की पहचान करना, पता लगाना, अधिग्रहण करना, विकसित करना, खनन करना, संसाधित करना और खरीदना है।

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