तहसील सरीला विकास से कोसों दूर-जय नारायण वर्मा
(सरीला) हमीरपुर-सरीला तहसील के निर्माण को दो दशक बीतने के बाद भी तहसील स्तरीय सुविधाए न मिलने से क्षेत्रीय नागरिकों ने संसदीय चुनाव की सुगबुगाहट होते ही अपने-अपने तरीके से जन समस्याओं को लेकर जनप्रतिनिधियों पर सवाल दागना शुरू कर दिया है सरीला तहसील के निर्माण को दो दशक बीतने के बाद भी रोडवेज, कोतवाली,सड़क निर्माण सहित तमाम तहसील स्तर पर मिलने वाली बुनियादी सुविधाओं के अभाव के चलते क्षेत्र वासियों द्वारा समय-समय पर की जाने वाली जनसमस्याओं की मांगो ने पुनाः जोर पकड़ लिया है सरीला तहसील के अमूंद गांव निवासी आरटीआई एक्टिविस्ट जयनारायण वर्मा बताते हैं की तहसील सरीला विकास से कोसों दूर है यहां के लोगों को विकास की बड़ी आस बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे से थी लेकिन उसमें भी संपर्क मार्ग न मिलने से क्षेत्र को विकास से वंचित कर दिया गया सरीला -जरिया मार्ग की बदहाली यहां के जनप्रतिनिधियों की उदासीनता को बयां करने के लिए काफी है वही सरीला नगर के रहने वाले अशोक विश्वकर्मा बताते हैं कि 20 साल से अधिक समय तहसील निर्माण होने को है पर आज तक सुरक्षा के लिए तहसील मुख्यालय सरीला में सिर्फ एक चौकी है कई बार शासन प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को सरीला में कोतवाली बनाए जाने की मांग को लेकर स्थानीय लोगों और समाजसेवियों द्वारा मांग रखी गई लेकिन उदासीनता के चलते सरीला क्षेत्र के विकास के साथ भेदभाव जारी है सरीला नगर निवासी एडवोकेट रामसेवक यादव बताते हैं कि कई बार शासन प्रशासन जनप्रतिनिधियों के समक्ष उन्होंने रोडवेज बस स्टैंड निर्माण का मुद्दा उठाया और बताया कि सांय काल के बाद सरीला तहसील मुख्यालय आने जाने को कोई यातायात के साधन नहीं है ऐसे में कई बार घटनाएं होने पर यातायात में क्षेत्र के लोगों को जिस समस्या का सामना करना पड़ता है उसमें भी आज तक सिवाय कोरे आश्वासन के जनप्रतिनिधियों की ओर से जनता को कुछ खास लाभ नहीं मिल सका है जहां एक ओर पिछड़े क्षेत्रों को विकास की मुख्य धारा में लाने के लिए सरकार द्वारा करोड़ों रुपए की योजनाएं संचालित करके अनेकों प्रयास किया जा रहे हो लेकिन सरीला तहसील वासियों को विगत कई वर्षों से आज तक कृषि ,रोजगार, स्वास्थ्य ,शिक्षा जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए अभी भी पिछड़ेपन का सामना करना पड़ रहा है संसदीय चुनाव नजदीक आते ही क्षेत्रीय लोगों द्वारा सरीला- जरिया संपर्क मार्ग निर्माण, सरीला में रोडवेज निर्माण, राठ को जिला घोषित करने की मांग ,बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे में सरीला तहसील वासियों को संपर्क मार्ग देने की मांग आदि ने फिर से एक बार जोर पकड़ लिया है क्षेत्रीय लोगों ने एकजुट होकर क्षेत्र में व्याप्त समस्याओं के निस्तारण के लिए जनप्रतिनिधियों से सोशल मीडिया पर जमकर सवाल करना शुरू कर दिए हैं ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि इन मांगों पर क्षेत्रीय जनता को क्या लाभ मिल पाता है या फिर यह समस्याएं हमेशा की तरह इस बार भी अगले 5 वर्ष के लिए एक खाली आश्वासन बनकर रह जाएंगी सरीला कस्बा निवासी जन सेवा समिति के अध्यक्ष उमाशरण द्विवेदी बताते हैं कि 10 वर्षों से अभूतपूर्व प्रदर्शन करने वाली पार्टी के स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने सरीला क्षेत्र के विकास के साथ भेदभाव किया है हजारों करोड रुपए की लागत से निर्मित बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे में संपर्क मार्ग को अगर स्थानीय जनप्रतिनिधियों से कुछ नहीं हुआ तो क्षेत्र की जनता किससे इस समस्या की गुहार लगाए सरिला के ही निवासी अंकुश सैनी ने बताया कि हर बार हमने अपने स्थानीय जनप्रतिनिधियों को सरीला की समस्याओं से अवगत कराया लेकिन हमेशा सरीला क्षेत्र के साथ भेदभाव किया जा रहा है कुल मिलाकर शिक्षा ,स्वास्थ्य ,रोजगार, सड़क निर्माण ऐसे तमाम मुद्दे बर्षो से जस के तस अभी भी बने हुए हैं क्षेत्र की जनता के द्वारा एक बार फिर से जन समस्याओं के निस्तारण के लिए सोशल मीडिया या आम चर्चा के माध्यम से हर जगह सरीला क्षेत्रवासी अपनी मांग करते दिख रहे हैं वहीं जनप्रतिनिधियों द्वारा समय-समय पर संसद या विधानसभा में उठाए गए प्रश्नों पर कार्रवाई न करा पाने में अक्षम जनप्रतिनिधि भी एक बार पुनः जनता के सवालों के घेरे में है हालांकि अब देखना यह है कि क्षेत्र की जनता को इन मांगों पर जनप्रतिनिधि कितनी गंभीरता से संज्ञान लेकर कौन कौन सी समस्याएं हल करा पाते हैं या हमेशा की तरह पुनः इस बार भी सरिला क्षेत्र की जनता को कोरा आश्वासन देकर और अपनी पीठ थपथपा कर जनता की यह समस्याएं जस की तस बनी रहेगी