व्यूरो प्रमुख प्रवीण कुमार का पीछा करने वाले अज्ञात बदमाश हुए सी.सी.टी.वी. कैमरे में कैद-जुगल किशोर मूर्ति चोरी काण्ड से जुड़े अज्ञात चोरों से नेटवर्क टाइम्स व्यूरो प्रमुख को है जान माल का खतरा-1987 से आज तक जुगलकिशोर मूर्ति चोरी काण्ड बना हुआ है अनबूझी पहेली-नेटवर्क टाइम्स ने कई बार की खबर प्रकाशित-अज्ञात चोर बड़े षड्यंत्र की बना रहे योजना
व्यूरो प्रमुख प्रवीण कुमार का पीछा करने वाले अज्ञात बदमाश हुए सी.सी.टी.वी. कैमरे में कैद-जुगल किशोर मूर्ति चोरी काण्ड से जुड़े अज्ञात चोरों से नेटवर्क टाइम्स व्यूरो प्रमुख को है जान माल का खतरा-1987 से आज तक जुगलकिशोर मूर्ति चोरी काण्ड बना हुआ है अनबूझी पहेली-नेटवर्क टाइम्स ने कई बार की खबर प्रकाशित-अज्ञात चोर बड़े षड्यंत्र की बना रहे योजना
महोबा/उत्तर महोबा प्रदेश के महोबा जनपद के सुगिरा गाँव में दिनांक 03/02/1987 को श्री जुगल किशोर जु मंदिर से मूर्तियों की चोरी हो गयी थी जिसकी रिपोर्ट माता दीन पांडेय पुत्र स्व.भानुप्रताप ने कुलपहाड़ थाना में पंजीकृत करवाई थी किन्तु तब से आज तक निस्क्रिय पुलिस इस मूर्ति चोरी काण्ड का अनावरण करने में नाकाम बनी हुई है।
जिसकी ख़बर नेटवर्क टाइम्स के द्वारा अनेकों बार प्रकाशित की गई इसके वावजूद भी निस्क्रिय अफसर इस मूर्ति काण्ड का खुलाशा नहीं कर सके।
नेटवर्क टाइम्स द्वारा ख़बर प्रकाशित करने को लेकर अज्ञात मूर्ति चोर नेटवर्क टाइम्स से चिढ़ गए हैं जिसके चलते अज्ञात मूर्ति चोरों द्वारा नेटवर्क टाइम्स के रिपोर्टरों को निशाना बनाया जा रहा है।
इसी क्रम में आपको बता दें कि नेटवर्क टाइम्स व्यूरो प्रमुख प्रवीण कुमार पटैरिया जो कि सुगिरा गाँव के निवासी हैं आवश्यक कार्य से अपनी पत्नी के साथ मोटर साइकिल से जा रहे थे तभी अज्ञात तीन बदमाशों द्वारा उनका पीछा किया गया जो अबैध शस्त्र से लैस थे।
जैसे तैसे हमारे व्यूरो प्रमुख प्रवीण कुमार ने गाड़ी को तेज गति से बढ़ाते हुये अपनी व अपनी पत्नी की जान बचाई।
इस घटना से हमारे व्यूरो प्रमुख प्रवीण कुमार दहसत में हैं व आगे किसी अप्रिय घटना घटित होने की आशंका के चलते भयभीत हैं।
अज्ञात बदमाश सी सी टी वी कैमरे में कैद हो गए हैं प्रवीण कुमार ने इसकी प्रथम सूचना कुलपहाड़ थाने में लिखित रूप से दे दी है किंतु अभी तक पुलिस किसी नतीजे तक नहीं पहुँची है।
नेटवर्क टाइम्स को अज्ञात मूर्ति चोरों से जान-माल की खतरा बना हुआ है।
आखिर क्या बजह हो सकती है जो इतने वर्ष वीतने के वावजूद भी पुलिस जुगल किशोर मूर्ति चोरी काण्ड का खुलाशा नहीं कर पाई।