कला की कीमत एक कलाकार ही समझ सकता है एक कलाहीन व्यक्ति कला की कीमत क्या जाने
कला की कीमत एक कलाकार ही समझ सकता है
एक कलाहीन व्यक्ति कला की कीमत क्या जाने
महोबा/सच ही कहा गया है कला की कीमत एक कलाकार ही समझ सकता है एक कलाहीन व्यक्ति कला की कीमत क्या जाने।
आधुनिक युग में लोग निरंतर चिंताओं के आगोश में समाते जा रहे है जिसके परिणाम स्वरूप आये दिन एक न एक आत्म हत्याओं से जुड़े मामले प्रकाश में आते रहते हैं ।
इस गंभीर समस्या से निपटने का केवल एक ही सहारा है वो है संगीत व नृत्य कला।
किन्तु कुछ कम अक्ल लोग नृत्य एवं संगीत कला को अश्लीलता की श्रेणी में खड़ा करने से भी नहीं चूक रहे हैं ऐसा ही नजारा देखने को मिला सुगिरा क्षेत्र अंतर्गत जहाँ आदरणीय विशाल जो की एक योग्य अध्यापक के साथ-साथ एक अच्छे संगीतकार भी हैं।
उनके द्वारा एक कार्यक्रम में नृत्य प्रर्दशन व कला का सम्मान करते हुए रुपये लुटाने का मामला सामने आया है।
जिसको कुछ मीडिया कर्मियों ने गलत बताते हुए वीडियो वायरल की है।
जो क्षेत्र में निंदा का विषय बनी हुई है एक योग्य संगीतकार व योग्य अध्यापक की क्षवि धूमिल करने वाले मीडिया कर्मी पर लोगों का आक्रोश देखने को मिल रहा है।
फिलहाल कुछ भी हो अध्यापक व संगीतकार आ.विशाल जी ने जो नृत्य कला का प्रदर्शन व कलाकारों का सम्मान किया है वो सराहनीय है।
जब नेटवर्क टाइम्स ने वायरल वीडियो की जानकारी की तो पता चला कि यह वीडियो काफी दिन पुराने हैं जो अध्यापक को ब्लैक मेल करने के उद्देश्य से बनाये गए थे जब अध्यापक पर उनका बस नहीं चला तो लंबे समय तक वीडियो को रोकने के बाद वीडियो को वायरल किया गया।
वास्तव में यदि इस सृष्टि में नृत्य कला व संगीत कला न हो तो इस सृष्टि में उदासीनता के अलावा कुछ भी शेष नहीं रहेगा।