केंद्रीय मंत्री श्री तोमर की यूएसए, यूके, जापान, इटली के मंत्रियों एवं यूरोपीय संघ के कमिश्नर के साथ हुई बैठकें

केंद्रीय मंत्री श्री तोमर की यूएसए, यूके, जापान, इटली के मंत्रियों एवं यूरोपीय संघ के कमिश्नर के साथ हुई बैठकें


कृषि क्षेत्र के समग्र विकास हेतु विभिन्न देशों से सहयोग बढ़ाने पर चर्चा

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर की हैदराबाद में आयोजित जी-20 की मीटिंग के दौरान आज अमेरिका, युनाइटेड किंगडम, जापान, इटली के मंत्रियों तथा यूरोपीय संघ के कमिश्नर के साथ द्विपक्षीय बैठकें हुईं। श्री तोमर ने इन देशों के साथ कृषि क्षेत्र के समग्र विकास के लिए सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की व श्री अन्न को बढ़ावा देने हेतु भारत की पहल का विशेष रूप से उल्लेख किया, वहीं यूरोपीय संघ व भारत के बीच संबंध और मजबूत बनाने पर जोर दिया।

अमेरिकी मंत्री श्रीमती एक्सोचिटल टोरेस स्माल से चर्चा में केंद्रीय कृषि मंत्री श्री तोमर ने कहा कि भारत व अमेरिका के बीच एक व्यापक वैश्विक कार्यनीतिक भागीदारी है, जिसमें लगभग सभी क्षेत्रों को शामिल किया गया है, जो साझा लोकतांत्रिक मूल्यों, अनेक मुद्दों पर हितों के अभिसरण और जीवंत जन-जन के संपर्क से प्रेरित है। उन्होंने कहा कि करोड़ों किसानों व उनके परिवारों के लिए आजीविका का स्रोत होने के नाते भारत सरकार के लिए कृषि एक फोकस क्षेत्र है। हाल के वर्षों में भारत ने कृषि को टिकाऊ बनाने के साथ-साथ किसानों की आय और खेतों की उत्पादकता में सुधार के लिए कई प्रमुख पहलें की हैं। कृषि क्षेत्र को बदलने में नई और उभरती प्रौद्योगिकियों की बड़ी भूमिका है, ताकि यह बढ़ती मांग और भविष्य की अन्य गुणात्मक चुनौतियों का सामना कर सकें। कृषि क्षेत्र में अमेरिका की उन्नत प्रौद्योगिकी का भारत को लाभ मिल सकता है, वहीं सटीक खेती, ड्रोन तकनीक, पानी और मृदा सेंसर की प्रौद्योगिकी व ट्रेसबिलिटी को ट्रैक करने की तकनीक एवं प्रणालियों के क्षेत्र में सहयोग की तलाश की जा सकती है।

युनाइटेड किंगडम की मंत्री सुश्री थेरेसी काफी के साथ बैठक में श्री तोमर ने कहा कि पिछले वर्षों में भारत-यूके के ऐतिहासिक संबंध मजबूत, बहुआयामी, पारस्परिक रूप से लाभप्रद संबंध में बदल गए हैं। भारत और यूके, मंत्रिस्तरीय ऊर्जा संवाद व जलवायु, बिजली एवं नवीकरणीय ऊर्जा पर गठित संयुक्त कार्य समूहों सहित विभिन्न तंत्रों के माध्यम से जलवायु संबंधी मुद्दों पर निकटता से काम कर रहे हैं। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् के साथ कृषि अनुसंधान में सहयोग के लिए दो समझौता ज्ञापन भी साइन हुए हैं। कृषि के अन्य पारस्परिक लाभकारी क्षेत्रों में सहयोग के दायरे का विस्तार करने पर विचार कर सकते हैं।

जापान के मंत्री श्री टेटसुरो नोमुरा के साथ बैठक में श्री तोमर ने कहा कि भारत-जापान साझेदारी ने स्वयं को भारत-प्रशांत क्षेत्र में सबसे महत्वपूर्ण-प्रासंगिक भागीदारी के रूप में स्थापित किया है। जापान से मजबूत साझेदारी भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी की आधारशिला है व भारत-प्रशांत के हमारे दृष्टिकोण का केंद्र बिंदु है। आर्थिक साझेदारी भारत-जापान संबंधों का एक प्रमुख स्तंभ है। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन संबंधी पहल हमारी वैश्विक साझेदारी का अभिन्न अंग हैं। भारत के नेतृत्व वाले अंतरराष्ट्रीय तंत्रों जैसे अंतरराष्ट्रीय सोलर अलांयस (आईएसए), कोएलिशन फॉर डिजास्‍टर रेसिलिएंट इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर (सीडीआरआई), व लीडआईटी (भारत व स्वीडन द्वारा सह-नेतृत्व) में जापानी भागीदारी की भारत सराहना करता है। ये पहल बहु-हितधारक तंत्र के जरिये वैश्विक लो कार्बन पाथवेज बनाने पर काम को तैयार हैं।

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