यातायात प्रभारी साहब आपकी ट्राफिक व्यवस्था ध्वस्त
*यातायात प्रभारी साहब आपकी ट्राफिक व्यवस्था ध्वस्त**
*ट्राफिक पर ड्यूटी कर रहे कर्मी कर रहे अपनी मनमानी**
**झलकारी बाई तिराहे से सुविधा शुल्क लेकर वनवे से ट्राफिक कर्मी निकलवा रहे हैं भारी वाहन*
**एक पान के डिब्बे में निकलने वाले वाहनो वालों से कराए जाते हैं पैसे जमा*
**निरपेक्ष एसपी के इरादों पर ट्रैफिक पुलिस फेर रही पानी*
महोबा
शहर की यातायात व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त रखने के लिए वनवे पॉइंट बनाए गए हैं जिसमें सुबह 6:00 बजे से रात्रि 9:00 बजे तक भारी वाहनों का निकलना मना है। परंतु कुछ ट्राफिक कर्मी निर्भीक होकर नियमों का उल्लंघन करके मुंह देखी ड्यूटी करके चंद्र लालच में वाहन निकलवा रहे हैं। जिससे शहर की यातायात व्यवस्था दिन पर दिन ध्वस्त होती जा रही है पिछले 2 वर्ष पहले इसी रोड में डीएम बंगला के पास अपने पिता के साथ बाल कटवाने जा रहे बालक की भारी वाहन से दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी। तभी से पूर्व जिलाधिकारी सतेंद्र कुमार जी ने हमीरपुर चुंगी से लेकर झलकारी बाई तिराहा तक प्रातः 6:00 बजे से रात्रि 9:00 बजे तक भारी वाहनों का निकलना बंद करवा दिया था।अर्थात एंट्री लगवा दी थी। परंतु कुछ ट्रैफिक कर्मियों की लापरवाही से दिन पर दिन नियमों का उल्लंघन हो रहा है। अगर यातायात प्रभारी अपनी ड्यूटी का सही तरीके से पालन करें तो यातायात कर्मियों की कार्यशैली बदल सकती है। आखिर क्यों नहीं है यातायात कर्मियों को अपने यातायात प्रभारी साहब का डर।अगर आपको यकीन ना हो तो कभी भी आप हमीरपुर चुंगी या झलकारी बाई तिराहे पर 1 घंटे रुक कर निगरानी कर सकते हैं 1 घंटे में कई भारी वाहन कर रहे ड्यूटी कर्मियों की सहमति से निकाल दिए जाते। जिससे परमानंद चौराहे पर व नवीन गल्ला मंडी के सामने पर कई बार जाम जैसी स्थिति बन जाती है। यही हाल शहर के हर ट्रैफिक प्वाइंटों का है। ट्रैफिक कर्मियों की पहचान वाले ई-रिक्शा वाहन,आदि वाहन धड़ल्ले से निकल रहे हैं।। नियमों का पालन वही वाहन वाले कर रहे हैं। जिनका न किसी से लिंक है और ना पहचान। वही विचारे शहर घूमकर यातायात नियमों का पालन कर रहे हैं। आखिर वर्जित वाहनो के साथ एक सा व्यवहार क्यों नही किया जाता।।