आओ खत्म करो“हाइपर टेंशन” कि हर परेशान और चिंता से भरी धडकनों का इलाज, इसके लक्षण और इसके कारण को जानकर- गौरव खरे

आओ खत्म करो“हाइपर टेंशन” कि हर परेशान और चिंता से भरी धडकनों का इलाज, इसके लक्षण और इसके कारण को जानकर- गौरव खरे
आज हम आपको इन्सानों के क्रोध के बारे में बताना चाहेंगे|हाइपर टेंशन और आप में से कई लोगों को मालूम नहीं होगा कि हाईपर टेंशन को ही ब्लड प्रैशर भी कहते है और डॉक्टर इसे सैलेंट किल्लर के नाम से बुलाते है यानि यह आपको चुप चाप मारता है बिना आपको पता चले|यह एक वो बीमारी है जो हर साल करोड़ों लोगों की जान ले लेती है बिना किसे को पता चले लेकिन फिर भी इसे महामारी नहीं कहा जाता है|इसमें मरीज को ठीक तो लगता है लेकिन असल में वो ठीक होते नहीं है और अध्यानों में भी यह बात साबित भी हुई है|विज्ञान की दुनिया में कहें तो पहले ये कोई नहीं लक्षण दिखता है और आपको पता ही नहीं चलेगा लेकिन डॉक्टर यह मानतें है कि इसकी खमोसी में ही इसका पूरा सार लिखा है| अगर इन बातों को माना जाए तो हाइपर टेंशन की मौतों को रौका जा सकता लेकिन क्या लोग इसे रोक सकते है तो इसका स्पष्ट जवाब है नहीं हम इस खामोशी को चिंता के शोर हम में दबा देते है|
हमारे संस्कारों में भी बताया है की चिंता चिता के समान है|चिता म्र्त शरीर को जलाती है और चिंता जीवित शरीर और आत्मा दोनों को जलाती है और यह सिलसिला तब तक चलता है जब तक सांसें चलती है यानि चिंता जीवित शरीर का सच है और चिता मृत्यु के बाद का सच है|हाइपर टेंशन के दौरण आपकी दिल की धमनियों में आपके खून का दबाओ बहुत बड़ जाता है|इस दौरण खून दिल को खून का दबाओ बनाए रखने के लिए दिल को अधिक काम करना पड़ता है और इस स्थिती को ही हाइपर टेंशन या ब्लड प्रैशर कहते है|अगर यह स्थिती लंबे समय तक बनी रहे तो दिल कंमजोर हो जाता है और एक दिन रुक जाता है|डबल्यू.एच.ओ.(W.H.O.) के अनुसार यह सलाह दी गयी है अगर ब्लड प्रैशर की माप 140/90 या इससे ज्यादा है तो यह खतरनाक है और 120/80 व 135/85 है तो भी आप स्वस्थ है।WHO के मुताबिक दुनियाभर में 113 करोड लोग हाइपर टेंशन के मरीज है।हर 4 में से 1 पुरुष ओर हर 5 में से 1 महिला हाइपर टेंशन का शिकार है।इस बीमारी का साम्राज्य पूरी दुनिया में प्रचंड रूप से फ़ेल गया है।हमारे देश में कोरोना संकम्रण से 2,75,000 वहीं हाइपर टेंशन से 1 साल में 16 लाख लोग मारे जाते है यानि कोरोना संकम्रण से 7-8 गुना ज्यादा लोग मर रहे है।यह देश में मौत चौथा सबसे बड़ा कारण है।
यह बीमारी सिर्फ शहरों तक सीमित नहीं है बहुत से लोग कहते है का यह मानना है कि यह शहरों की बीमारी है,शहरों में जहां 33% लोग इससे ग्रस्त है तो गाँव में 25% लोग इससे ग्रस्त है।बड़ी बात यह है कि गाँव में लोग इसको चिंता और तनाओ से इसे जोड़ते है। लोग इसे हाइपर टेंशन से नहीं जोड़ते इसलिए वहाँ मौतें भी शहरों से भी ज्यादा होती है।गाँव में स्वास्थ सुविधाओं की कमी होने के कारण कभी स्वास्थ से जुडी जांच भी नहीं हो पाती और यहाँ तक कि यह पता नहीं चल पता कि मौत हाइपर टेंशन से हुई है।हर छोटी बात पर गुस्सा करना,चिंता करना,हमेसा नराज रहना ब्लड प्रैशर के आम गुण है।आज हम आपको वह 5 बड़े कारण बताते है जिससे यह होता है :- 1.परिवार का इतिहास 2.हर समय चिंता 3.ज्यादा मोटापा 4.व्यायाम का न करना 5.तंबाकू का सेवन 6.ज्यादा नमक का सेवन अब इसके घरेलू नुसके 1-ग्राम से कम 2.सब्जी ओर फलों का सेवन 3.चर्बी का सेवन कम करें 4.कसरत करें धायन देने योग्य बात यह है कि इससे हार्ट फ़ेल्युर,हार्ट स्ट्रोक,किडनी फ़ेल,आँखों की रोशनी का जाना तक संभाओ है।आजकल इसका प्रभाव भारत,आफ्रिका,अमेरिका और यूरोप के देशों में है।

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