भारत जी20 प्रणाली के भीतर संस्कृति कार्य धारा को मजबूती से एकीकृत और स्थापित करने की जिम्मेदारी ले रहा है: श्री जी. किशन रेड्डी
जी20 संस्कृति समूह ग्रुप (सीडब्ल्यूजी) की दूसरी बैठक भुवनेश्वर में शुरू हुई
केंद्रीय मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी और श्री नित्यानंद राय ने उद्घाटन सत्र की शोभा बढ़ाई
वैश्विक नीति निर्माण में संस्कृति महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है: श्री जी. किशन रेड्डी
भारत जी20 प्रणाली के भीतर संस्कृति कार्य धारा को मजबूती से एकीकृत और स्थापित करने की जिम्मेदारी ले रहा है: श्री जी. किशन रेड्डी
संस्कृति देशों और समुदायों के बीच संबंधों को बनाए रखने, समझ बढ़ाने के साथ-साथ स्थायी और समावेशी भविष्य के निर्माण की कुंजी है: श्री नित्यानंद राय
जी-20 संस्कृति कार्य समूह की द्वितीय बैठक के प्रतिनिधि-स्तरीय विचार-विमर्श आज ओडिशा के भुवनेश्वर में शुरू हुए। संस्कृति, पर्यटन और उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी और गृह राज्य मंत्री श्री नित्यानंद राय ने बैठक के उद्घाटन सत्र की शोभा बढ़ाई।
प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए, श्री जी. किशन रेड्डी ने कहा, “वैश्विक नीति निर्माण में संस्कृति एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, क्योंकि यह समकालीन चुनौतियों का समाधान करने के लिए अधिक समावेशी और स्थायी समाधान की ओर ले जाती है”। उन्होंने यह भी कहा, “इस आलोक में, जी20 कल्चर वर्किंग ग्रुप सहयोग को बढ़ावा देने और सदस्यों के बीच संवाद को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हम सांस्कृतिक संवाद को बढ़ावा देने, साझा शिक्षा को प्रोत्साहित करने और सदस्यों के बीच सहयोग को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, साथ ही प्रत्येक राष्ट्र के अद्वितीय सांस्कृतिक संदर्भों और विरासत पर भी उचित ध्यान दे रहे हैं।”
श्री जी. किशन रेड्डी ने कहा कि एक सामूहिक दृष्टिकोण का पालन करते हुए, हमारा लक्ष्य अधिक न्यायसंगत और सांस्कृतिक रूप से जागरूक वैश्विक नीति के परिदृश्य का निर्माण करना है, जो सांस्कृतिक विविधता के विशाल मूल्य को मान्यता देता है। सामाजिक एकता, अंतर-सांस्कृतिक संवाद और आपसी समझ को बढ़ावा देने में संस्कृति की भूमिका को कम करके नहीं आंका जा सकता है।
उन्होंने कहा, “प्राचीन भारतीय दर्शन – ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ (दुनिया एक परिवार है) विविधता में एकता की अवधारणा के साथ खूबसूरती से जुड़ता है, क्योंकि यह इस विचार को बढ़ावा देता है कि संस्कृति, धर्म, भाषा या जातीयता में हमारे अंतर के बावजूद, हम सभी एक वैश्विक परिवार का हिस्सा हैं।”
सांस्कृतिक आदान-प्रदान के महत्व पर प्रकाश डालते हुए, श्री जी. किशन रेड्डी ने कहा कि यह स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं को बढ़ावा देने, सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने और सामुदायिक विकास का समर्थन करके सतत विकास में योगदान दे सकता है। उन्होंने कहा कि यह हमारा कर्तव्य है कि हम पिछली अध्यक्षताओं द्वारा रखी गई नींव पर निर्माण करें, ताकि यह सुनिश्चित हो कि जी20 एजेंडे में संस्कृति एक प्रमुख केंद्र के रूप में लगातार स्थापित रहे।
श्री किशन रेड्डी ने यह भी कहा कि स्थानीय परंपराएं और ज्ञान पर्यावरण की देखभाल और संसाधनों का बुद्धिमानी से उपयोग करने के बारे में सिखा सकते हैं। उन्होंने जोर देते हुए कहा, “जो लोग कई वर्षों से प्रकृति के करीब रहते हैं, वे जानते हैं कि पर्यावरण के साथ संतुलन में रहना कितना महत्वपूर्ण है। उनके ज्ञान और प्रथाओं को आधुनिक सतत विकास रणनीतियों में शामिल करके, हम एक अधिक मजबूत और टिकाऊ भविष्य बना सकते हैं।”