डॉ. भारती प्रवीण पवार ने थैलेसीमिया बाल सेवा योजना के तीसरे चरण की शुरुआत की

डॉ. भारती प्रवीण पवार ने थैलेसीमिया बाल सेवा योजना के तीसरे चरण की शुरुआत की


थैलेसीमिया बाल सेवा योजना पोर्टल का शुभारंभ के साथ ही सिकल सेल एनीमिया रोग के मानक उपचार के लिए दिशानिर्देश जारी किए

“थैलेसीमिया और सिकल सेल एनीमिया जैसे रक्त संबंधी विकारों से लड़ने के लिए रोग की जांच में सुधार करना, जागरूकता और सलाह के अवसर बढ़ाना और उपचार सुविधाओं में वृद्धि करना महत्वपूर्ण है” डॉ. भारती प्रवीण पवार

“रक्त संबंधी विकारों के लिए जागरूकता एवं उपचार के लिए बहु हितधारक दृष्टिकोण रखने से पूरे देश का समर्थन जुटाने में सहायता मिलेगी ”

थैलेसीमिया बाल सेवा योजना के तहत 356 थैलेसीमिया रोगियों में सफलतापूर्वक अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण किया गया

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण की केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार,ने आज यहां विश्व थैलेसीमिया दिवस के अवसर पर स्वास्थ्य मंत्रालय की थैलेसीमिया बाल सेवा योजना (टीबीएसवाई) के तीसरे चरण का शुभारंभ किया, जिले कोल इंडिया लिमिटेड द्वारा उनके कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (सीएसआर) पहल के रूप में समर्थन दिया जा रहा है। उन्होंने थैलेसीमिया बाल सेवा योजना पोर्टल भी लॉन्च किया। इस अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव श्री राजेश भूषण, जनजातीय कार्य मंत्रालय के सचिव श्री अनिल कुमार झा और स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग के सचिव डॉ. राजीव बहल भी उपस्थित थे।

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थैलेसीमिया एक वंशानुगत रोग है जो शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर सामान्य से कम होने की वजह से होता है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत 2017 से टीबीएसवाई को लागू किया जा रहा है और हाल ही में मार्च 2023 में इसका दूसरा चरण पूरा हुआ। कोल इंडिया सीएसआर द्वारा आर्थिक सहायता से हेमैटोपोएटिक स्टेम सेल ट्रांस्प्लांट (एचएससीटी) कार्यक्रम उन गरीब थैलेसीमिया रोगियों के लिए एक अनूठी पहल है जिनके पास ट्रांसप्लांट के लिए मैच डोनर संबंधी होते हुए भी इस प्रक्रिया के लिए आर्थिक संसाधन नहीं होते। इस कार्यक्रम के तहत  दो चरणों में भारत के 10 इंपैनल्ड अस्पतालों में थैलेसीमिया रोगियों के लिए 356 हड्डी मज्जा प्रत्यारोपण को सफलतापूर्वक पूरा किया है।

डॉ. भारती प्रवीण पवार ने बताया कि “थैलेसीमिया और सिकल सेल बीमारी जैसी रक्त संबंधी बीमारियों के खिलाफ लड़ाई मजबूत करने के लिए बीमारी की स्क्रीनिंग को बढ़ाना, जागरूकता और सलाह के अवसर बढ़ाना और उपचार सुविधाओं को बढ़ाना महत्वपूर्ण है।” रक्त संबंधी विकारों के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करने के लिए विभिन्न हितधारकों से आग्रह करते हुए, उन्होंने कहा कि “बहु-हितधारक दृष्टिकोण रक्त संबंधी विकारों के उपचार और जागरूकता के लिए देशभर से समर्थन को जुटाने में मदद करेगा।” उन्होंने भागीदार मंत्रालयों और सीआईएल जैसे अन्य हितधारकों के प्रयासों की सराहना की और उन्हें इस तरह की स्टिग्मा और गलत धारणाओं को दूर करने और सिकल सेल बीमारी के बारे में अधिक जागरूकता उत्पन्न करने के लिए अपने प्रयासों को जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) और थैलेसीमिक्स इंडिया को बधाई दी और टीबीएसवाई के तीसरे चरण में शामिल होने के लिए धन्यवाद दिया।

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