कुंडलियां

विषय *मजदूर*
कुंडलियां
१🌺
जीवन में श्रम कीजिए, रहें सदा खुश हाल।
मजदूरी सब मिल करें,
चलती रोटी दाल।।
चलती रोटी दाल, सदा मजदूरी सब पायें।
करते हैं श्रम खूब, श्रमिक श्रम करते जायें।।
कहे दामिनी आज,
श्रमिक का लगता तन मन।
स्वेद बहे दिन रात, खुशी से चलता जीवन।।
२🌺
श्रमजीवी होते सफल,जो होते मजबूर।
करते हैं सेवा सकल, कहलाते मजदूर।।
कहलाते मजदूर,
कमाते हैं मुश्किल से।
फ़िकर करें दिन रात,
काम पर जाना कल से।
कहे दामिनी आज, कर्म करते हम सेवी।
हो जीवन खुशहाल, बने हैं हम श्रमजीवी।।

स्वरचित मौलिक सृजन सौदामिनी खरे दामिनी रायसेन मध्यप्रदेश ✍🏻

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